27 Dec 2024, 07:02:36 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android
news

46 साल बाद खुला जगन्नाथ मंदिर का खजाना, 4 आलमारियों और 3 संदूकों में भरा था सोना ही सोना

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jul 19 2024 12:19PM | Updated Date: Jul 19 2024 12:19PM
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

ओडिशा के पुरी में महाप्रभु जगन्नाथ मंदिर के भीतरी रंत्न भंडार में रखे खजाने को गुरुवार को निकाल लिया गया। इस काम के लिए राज्य सरकार की तरफ से 11 सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया था। सुबह 9.15 बजे कमेटी के लोग अंदर गए। बता दें कि मंदिर के अंदर से मिले खजाने को अस्थाई स्ट्रॉन्ग रूम में शिफ्ट कर दिया गया है। एएसआई की टीम मंदिर के तहखाने की मरम्मत करेगी। मरम्मत के बाद खजाने को पुराने कमरे में शिफ्ट में किया जाएगा। बता दें कि तीसरे कमरे से 4 आलमारियां और 3 संदूक मिले हैं। जगन्नाथ मंदिर के लिए बनी निगरानी समिति ने मंदिर में और जांच के लिए सरकार को निर्देश देने की सिफारिश की है। पूर्व जस्टिस विश्वनाथ रथ ने सरकार से यह मांग की है ताकि लोगों के भ्रम को दूर किया जा सके।

भगवान जगन्नाथ के मंदिर के पहले कमरे में 3.48 किलोग्राम सोना मिला। दूसरे कमरे में 95.32 किलोग्राम सोना मिला और तीसरे कमरे में 50.6 किलोग्राम सोना मिला। पहले कमरे में 30.35 किलोग्राम चांदी मिला। पहले कमरे में मिले सोने और चांदी का उपयोग अनुष्ठान में किया जाता है। वहीं दूसरे कमरे में 19.48 किलोग्राम चांदी मिला। दूसरे कमरे और सोने चांदी का उपयोग त्योहारों को समय किया जाता है। वहीं तीसरे कमरे में 134.50 किलोग्राम चांदी मिला। तीसरे कमरे में मिले सोने और चांदी का उपयोग आज तक नहीं किया गया है।

रत्नगृह में गई निगरानी समिति को तीसरी कमरे में 6.50X 4 फीट की एक आलमारी और 3X4 फीट की संदूक मिली। अबतक कुल 9 संदूक और 4 आलमारी मिल चुके हैं। बता दें कि जगन्नाथ मंदिर का पहला कक्ष पूजा के लिए रोज खोला जाता है। वहीं दूसरा कक्ष विशेष पूजा के लिए खुलता है, जबकि तीसरा कक्ष पिछले 46 सालों से बंद था। बता दें कि दुनियाभर में बसे करोड़ों हिंदुओं के साथ-साथ देशभर की निगाहें इस जगन्नाथ मंदिर पर टिकी हुई हैं। मंदिर के तीन कमरों के सीरे हीरे, जवाहरात, सोना, चांदी सभी को अस्थाई स्ट्रॉन्ग रूम में शिफ्ट किया जा चुका है। निगरानी समिति चाहती है कि उन्हें ऐसे उपकरण मुहैया कराए जाएं जिससे मंदिर परिसर में किसी और कमरे या तहखाने का पता लगाया जा सके। साथ ही निगरानी कमेटी के चेयरमैन ने कहा कि लोगों में तहखाने और सुरंग को लेकर भ्रम फैलाया जा रहा है। इसलिए खजाने की गिनती से पहले कमेटी इसे दूर करना चाहती है।

  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

More News »