लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजों के बाद से ही कांग्रेस के हौसले बुलंद हैं। खास तौर पर पार्टी के कद्दावर नेता राहुल गांधी की काफी चर्चा हो रही है। क्योंकि उनके नेतृत्व में ही कांग्रेस ने 10 साल बाद बेहतर प्रदर्शन किया है। कांग्रेस को इस चुनाव में 99 सीटें मिली हैं। जो बीते दोनों चुनाव 44 और 54 के बाद लगभग दोगुना है। खुद राहुल गांधी दो लोकसभा सीट से चुनाव लड़े। इनमें गांधी परिवार की पारंपरिक सीट रायबरेली और केरल का वायनाड शामिल है। खास बात यह है कि राहुल गांधी ने इन दोनों ही सीटों पर शानदार जीत दर्ज की। यहां से लगभग चार लाख वोटों से जीत दर्ज की है। ऐसे में अब वक्त आ गया है कि राहुल गांधी को इनमें से एक सीट पर अपना दावा छोड़ना होगा।
इस बीच राहुल गांधी बुधवार को वायनाड के दौरे पर हैं। यहां उन्होंने जनता से संवाद भी किया। इस दौरान राहुल गांधी ने पूछ लिया कि दुविधा में हूं किसे चुनूं।।।रायबरेली या फिर वायनाड। इस दौरान भीड़ में से आवाज आई वायनाड। इसके बाद राहुल गांधी ने जनता के जवाब पर अपनी प्रतिक्रिया दे डाली।
राहुल गांधी ने जनता की अवाज पर अपनी प्रतिक्रिया भी दी। उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से मेरा फैसला ऐसा होगा कि जिससे रायबरेली और वायनाड दोनों की जनता खुश होगी। इसके साथ ही उन्होंने वायनाड की जनता से मिले समर्थन के लिए उन्हें धन्यवाद भी दिया। इसके बाद राहुल गांधी ने कहा कि जल्द आप सभी से दोबारा मिलूंगा।
बता दें कि राहुल गांधी चुनाव नतीजों के 14 दिन के अंदर दोनों में से एक सीट की दावेदारी को छोड़ना होगा। अगर वह ऐसा नहीं करते हैं तो नियम के मुताबिक उनकी दोनों सीट से दावेदारी खत्म हो जाएगी और चुनाव आयोग इन दोनों सीटों पर दोबारा चुनाव कराएगा। ऐसे में जरूरी है कि राहुल गांधी 17 जून तक एक सीट से अपना इस्तीफा दे दें।
राहुल गांधी के एक सीट से इस्तीफा देने में हो रही देर के पीछे दो बड़ी वजह हैं। पहली रायबरेली सीट गांधी परिवार की पारंपरिक सीट रही है। यही नहीं लोकसभा में यूपी का समीकरण हर कोई समझता है लिहाजा रायबरेली के जरिए इससे जुड़ी विधानसभाओं पर भी कांग्रेस अपनी पकड़ बना सकती है। यही कारण है कि यहां से इस्तीफा देना राहुल गांधी के मुश्किल भरा हो सकता है।
इसके अलावा दूसरी सीट वायनाड है।।।वायनाड ने राहुल गांधी को उस वक्त सहारा दिया जब वह गांधी फैमिली की दूसरी सीट अमेठी से हार गए थे। दो लोकसभा चुनाव में लगातार वायनाड ने राहुल गांधी को जीत का तोहफा दिया है। ऐसे में राहुल गांधी के लिए यह सीट भी उतनी ही महत्वपूर्ण है।
राहुल गांधी जिस भी सीट को छोड़ेंगे वहां पर चुनाव आयोग उपचुनाव कराएगा। ऐसे में राहुल या फिर कांग्रेस चाहेगी कि ऐसी जगह से सीट छोड़ी जाए जहां से दोबारा पार्टी का नेता खड़ा हो तो जीत दर्ज कर सके। ऐसे में जहां से पार्टी को बेहतर परिणाम की आशा होगी, वहां से राहुल गांधी इस्तीफा देंगे। कयास लगाए जा रहे हैं। रायबरेली छोड़ने पर राहुल गांधी यहां से बहन प्रियंका को उतार सकते हैं। क्योंकि रायबरेली में अपने भाषण के दौरान उन्होंने इस तरह का संकेत दे दिया था। ऐसे में रायबरेली की पारंपरिक सीट परिवार में ही रहेगी और वायनाड को भी साधने में राहुल गांधी सफल रहेंगे।