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राजधानी दिल्ली का विकास हमारी प्रतिबद्धता : अरविंद केजरीवाल

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Feb 16 2020 2:53PM | Updated Date: Feb 16 2020 2:55PM
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नई दिल्ली। दिल्ली के लगातार तीसरी बार रविवार को मुख्यमंत्री बने अरविंद केजरीवाल ने राजधानी के चौतरफा विकास के प्रति प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुये कहा है कि लोगों के कल्याण और विकास के लिए उन्हें मोदी के आशीर्वाद की जरूरत है। केजरीवाल ने ऐतिहासिक रामलीला मैदान में उप राज्यपाल अनिल बैजल के मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाने के बाद यहां मौजूद गणमान्य लोगों और आम आदमी पार्टी के हजारों समर्थकों के हुजूम को सम्बोधित करते हुए कहा कि दिल्ली की जनता ने उन्हें अपार समर्थन देकर तीसरी बार इस जिम्मेदारी को सौंपा है और वह बिना किसी भेदभाव के दिल्ली के चौतरफा विकास को प्रतिबद्ध हैं। उन्हें इसे सफल बनाने के लिये मोदी जी के ‘आशीर्वाद’ की भी जरूरत है। उन्होंने कहा कि भले ही आज कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी विपक्ष में है लेकिन वह सभी दलों के साथ सहयोग करके राजधानी के चौतरफा विकास पर पूरा ध्यान देंगे और वह भाजपा समर्थकों के और कांग्रेस के सर्म्थकों के भी मुख्यमंत्री हैं।

केजरीवाल ने अपने सम्बोधन में कहा, ‘‘ चुनावों में मिली जीत दिल्ली वासियों की जीत है। फिर जो वोट किसी ने किसी भी पार्टी को दिया हो। मैं सबका मुख्यमंत्री हूं। सारे मेरे परिवार का हिस्सा हैं। मैं सबका काम करूंगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ हमने अपने सभी विरोधियों को माफ किया। मैं सभी पार्टियों के साथ मिलकर काम करना चाहता हूं। नयी राजनीति और दिल्ली के विकास का डंका पूरे देश में मच रहा है।’’ गौरतलब है कि  पिछले कार्यकाल के दौरान श्री केजरीवाल का केन्द्र सरकार के साथ भिन्न मुद्दों को लेकर टकराव रहा। 

इस बार शपथ ग्रहण समारोह में मंच पर मौजूद नहीं रहने वालों में केजरीवाल के करीबियों में पूर्व केंद्रीय मंत्री और जाने-माने अधिवक्ता शांति भूषण, योगेंद्र यादव, प्रशांत भूषण, कवि कुमार विश्वास और पत्रकारिता छोड़कर राजनीति के क्षेत्र में उतरे और फिर वापस पुराने पेशे में लौटे आशुतोष के अलावा कई अन्य लोग नजर नहीं आए। आप की नींव डालने में केजरीवाल के सहयोगी रहे कवि कुमार विश्वास भी मंच पर इस बार मौजूद नहीं थे। केजरीवाल के भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभाने वाले कुमार विश्वास का दिल्ली की तीन राज्यसभा सीटों पर उम्मीदवारों के चयन को लेकर मतभेद हो गया था और उसके बाद से वह लगातार मुख्यमंत्री के तौर तरीकों पर उंगली उठाते रहे हैं। 

कुमार विश्वास को बाद में पार्टी की राजस्थान इकाई के प्रमुख से भी हटा दिया गया था। यादव भी आप की स्थापना के मुख्य कर्ता-धर्ता रहे थे लेकिन बाद में उनके संबंध केजरीवाल से बहुत खराब हो गये और उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया गया। आप की स्थापना के मुख्य किरदारों में शामिल रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री शांति भूषण और उनके पुत्र प्रशांत भूषण को पार्टी से निकाल दिया गया। पत्रकार से राजनेता बने आशुतोष प्रारंभ में केजरीवाल के प्रबल प्रशंसक रहे लेकिन बाद में पार्टी या सरकार में कोई अहम पद नहीं मिलने से वह भी आप को अलविदा गये। 

इसके अलावा आशीष खेतान और प्रोफेसर कुमार आनंद तथा कई अन्य बड़े नेताओं ने भी पार्टी छोड़ दी। इस बार शपथ ग्रहण समारोह में अलग नजारा यह था कि विभिन्न क्षेत्रों के 50 से अधिक लोग जिनमें सफाई कर्मचारी, ऑटो रिक्शा ड्राइवर, छात्र, शिक्षक, डाक्टर और मजदूर आदि शामिल हैं, उन्हें मुख्य अतिथि के रुप में शामिल होने का न्योता दिया था। केजरीवाल के शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को न्योता भेजा गया था लेकिन वह अपने लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी के दौरे पर हैं। इसके अलावा विपक्ष के किसी नेता को शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने का निमंत्रण नहीं भेजा गया था।

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