नई दिल्ली। कोरोना वायरस पर बने मंत्रियों के समूह ने गुरुवार को स्थिति की समीक्षा की तथा बताया कि इससे निपटने के लिए राज्यों में त्वरित प्रतिक्रिया दलों बनाये गये हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री हर्षवर्द्धन की अध्यक्षता में आज मंत्रियों की समूह की बैठक हुई। बैठक के बाद डॉ. हर्षवर्द्धन ने बताया कि सरकार इस वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए पूरी रह तैयार है। इसके लिए राज्यों में त्वरित प्रतिक्रिया दलों का गठन कर उन्हें प्रशिक्षित किया गया है। मीडिया और सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जा रहा है। नेपाल की सीमा पर स्थित गांवों में ग्राम सभाओं के द्वारा लोगों तक संदेश पहुँचाया जा रहा है।
सरकार ने कोरोना वायरस पर एक कॉलसेंटर भी बनाया है जो सप्ताह के सभी सातों दिन चौबीसों घंटे काम कर रहा है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार की इच्छाशक्ति में कोई कमी नहीं है तथा सभी मंत्रालय मिलकर संक्रमण रोकने में योगदान दे रहे हैं। देश के 21 हवाई अड्डों, 12 बड़े बंदरगाहों तथा 65 छोटे बंदरगाहों और सीमा पर स्थित छह प्रवेश स्थलों पर बाहर से आने वाले लोगों की स्क्रीिनिंग की जा रही है। अब तक 2,315 उड़ानों से आये 2,51,447 यात्रियों की थर्मल स्क्रीिनिंग की गयी है। इसमें कोरोना वायरस के तीन संदिग्ध मरीजों और ऐसे मरीजों के संपर्क में आने वाले 161 लोगों की पहचान की गयी है।
समुद्र के रास्ते आये 5,491 यात्रियों और जहाजों के चालक दल के 285 सदस्यों की जांच की गयी है। उन्होंने बताया कि पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी में अब तक 1,071 मरीजों के जैविक नमूनों की जाँच की गयी है जिसमें केरल के तीन मरीजों में संक्रमण की पुष्टि हुई है। अन्य 1,068 मरीजों में संक्रमण नहीं पाया गया। वायरस के संक्रमण का केंद्र रहे चीन के वुहान शहर से 645 भारतीय नागारिकों को निकालकर अभी विशेष रूप से बनाये गये दो शिविरों में रखा गया है। वहाँ 14 दिन रखने के बाद उनके जैविक नमूनों की जाँच में यदि संक्रमण की पुष्टि नहीं होती है तो उन्हें उनके घर भेज दिया जायेगा।