नई दिल्ली। संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) को हासिल करने में कंपनियों के योगदान को उसके वित्तीय लेखाजोखा रिपोर्ट में गैर-वित्तीय डिस्क्लोजर के रूप में शामिल किये जाने के तौर-तरीके बताने के उद्देश्य से इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकांउटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) सस्टेनिबिलिटी अकाउटिंग स्टैंडर्ड बोर्ड का गठन कर रहा है। आईसीएआई के नव नियुक्त अध्यक्ष अतुल कुमार गुप्ता ने गुरुवार को बताया कि किसी कंपनी ने अपने परिचालन के माध्यम से एसडीजी को हासिल करने में कितना योगदान दिया है इसे गैर-वित्तीय डिस्क्लोजर के तौर पर वित्तीय लेखाजोखा में शामिल करने पर जोर दिया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर इस तरह की इकाई सिर्फ अमेरिका में है लेकिन वहाँ हर उद्योग के लिए अलग-अलग संगठन है जबकि भारत में एक ही इकाई हर उद्योग के लिए काम करेगी। उन्होंने कहा कि कोई कंपनी अपने परिचालन में परंपरागत बिजली और नवीकरणीय ऊर्जा का कितना उपयोग करती है और हर वर्ष किस तरह से वह एसडीजी में योगदान कर रही है इसका मूल्याकंन किया जायेगा।
जीएसटी रिटर्न भरने में आने वाली कठिनाइयों के बारे में पूछे जाने पर गुप्ता ने कहा कि उनके संस्थान के सदस्यों ने इस संबंध में जानकारी दी थी। उसके आधार पर जीएसटी रिटर्न दाखिल करने में होने वाली कठिनाइयों को दूर करने के लिए वित्त मंत्रालय को सुझाव दिये गये हैं। बड़ी कंपनियों द्वारा वित्तीय रिपोर्टिंग में घालमेल किये जाने के बारे में उन्होंने कहा कि जब से अंतरराष्ट्रीय रिपोर्टिंग मानक को आईसीएआई ने अपनाया है उसके बाद कोई भी व्यक्ति, कंपनी या संगठन वित्तीय रिपोटिंग में घालमेल नहीं कर सकता है।