नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी (आप) का जादू चल गया है। अरविंद केजरीवाल लगातार तीसरी बार दिल्ली के सीएम बनेंगे। दिल्ली की जनता ने शाहीन बाग और नागरिकता संशोधन कानून के मुद्दे को नकारते हुए स्थानीय मुद्दे के आधार पर वोट दिया। पिछले चुनावों की तरह इस बार भी कांग्रेस इन चुनावों में खाता नहीं खोल पाई। वहीं, बीजेपी ने अपनी टैली मजबूत की है। विधानसभा की 70 सीटों में से 63 पर आप और 7 पर भाजपा को जीत मिली है। 70 विधानसभा सीटों के लिए 8 फरवरी को 62.59 प्रतिशत वोट डाले गए थे। यहां भाजपा 22 साल और कांग्रेस 7 साल से सत्ता से दूर है।
2015 के चुनाव में बीजेपी को 3 सीटों पर जीत मिली थी लेकिन इस बार पार्टी ने अपनी टैली को मजबूत किया है। इन चुनावों में सबसे बुरी स्थिति कांग्रेस की रही। 2015 के चुनाव में कांग्रेस को कोई सीट नहीं मिली थी और इस बार भी पार्टी खाता नहीं खोल पाई। उसका वोट शेयर भी सिंगल डिजिट में चला गया है। उप राज्यपाल अनिल बैजल ने मंगलवार को दिल्ली विधानसभा भंग कर दी। उप राज्यपाल कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली की छठीं विधानसभा को भंग कर दिया है और यह आदेश 11 फरवरी से लागू होगा। अंतिम नतीजे आने के बाद सातवीं विधानसभा के गठन के लिए जल्दी ही नया आदेश जारी किया जाएगा।