नई दिल्ली। केंद्र में सरकार से हाल ही में अलग हुई शिवसेना ने आज लोकसभा में आरोप लगाया कि वित्त वर्ष 2020-21 के बजट में महाराष्ट्र की अनदेखी की गयी है। बजट पर सदन में जारी आम चर्चा में हिस्सा लेते हुये शिवसेना के गजानन कीर्तिकर ने कहा कि महाराष्ट्र देश का सबसे ज्यादा कर देने वाला राज्य है। इसके बावजूद बजट में उसे नजरअंदाज किया गया है। इसमें मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन या मुंबई के उपनगरीय रेल का जिक्र तक नहीं किया गया। राज्य में बड़ी संख्या में जनजातीय आबादी होने के बावजूद जनजातीय संग्रहालय की घोषणा में उसे शामिल नहीं किया गया। उन्होंने महाराष्ट्र में मैनग्रूव संरक्षण के लिए 300 करोड़ रुपये के आवंटन की माँग की।
उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रभावितों की मदद के लिए केंद्र सरकार ने पिछले साल जो राशि घोषित की थी, उसे जल्द से जल्द राज्य सरकार को दिया जाये। मछुआरों के लिए मकान बनाने के लिए तीन लाख रुपये और सात लाख के बीमा की भी उन्होंने माँग की। शिवसेना सांसद ने कहा कि बेरोजगारी देश में सबसे बड़ी समस्या है। 22 लाख सरकारी पद खाली पड़े हैं। इसके बावजूद बजट में बेरोजगारी कम करने के लिए कोई प्रावधान नहीं किया गया है।
उन्होंने वर्ष 2022 तक किसानों की आमदनी दुगुनी करने और 2024 तक 50 खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य महात्वाकांक्षी है तथा इसे हासिल करना संभव नहीं होगा। किसानों की आमदनी 2022 तक दुगुनी करने के लिए 18 प्रतिशत कृषि विकास दर की जरूरत होगी जबकि अभी यह दो प्रतिशत पर है। इसी प्रकार पाँच प्रतिशत की विकास दर पर 50 खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य भी पूरा नहीं हो सकेगा।