नई दिल्ली। हर तरह के साइबर अपराध से निपटने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज यहां अत्याधुनिक भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (आई4 सी)का उद्घाटन किया और राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल राष्ट्र को समर्पित किया। चार सौ करोड़ रूपये की लागत वाली आई 4 सी परियोजना को सभी प्रकार के साइबर अपराधों से व्यापक और समन्वित तरीके निपटने के लिए अक्टूबर में मंजूरी दी गयी थी। गृह मंत्रालय की पहल पर, 15 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने क्षेत्रीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र स्थापित करने के लिए अपनी सहमति दे दी है।
इस योजना के सात घटक नेशनल साइबर क्राइम थ्रेट एनालिटिक्स यूनिट, नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल, नेशनल साइबर क्राइम ट्रेनिंग सेंटर, साइबर क्राइम इकोसिस्टम मैनेजमेंट यूनिट, नेशनल साइबर क्राइम रिसर्च एंड इनोवेशन सेंटर, नेशनल साइबर क्राइम फॉरेंसिक लैबोरेट्री ईको सिस्टम और प्लेटफॉर्म फॉर ज्वाइंट साइबर अपराध जांच दल है। राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल नागरिक-केंद्रित पहल है जो नागरिकों को साइबर अपराधों की ऑनलाइन रिपोर्ट करने में सक्षम बनाएगा। साइबर अपराध से संबंधित शिकायतों की जांच और समाधान के लिए सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की कानून प्रवर्तन एजेन्सी इससे जुड़ी हैं। यह पोर्टल गत 30 अगस्त को पायलट आधार पर शुरू किया गया था।
यह महिलाओं, बच्चों, विशेष रूप से बाल पोर्नोग्राफी, बाल यौन शोषण सामग्री, बलात्कार जैसे अपराधों से संबंधित ऑनलाइन सामग्री के मामलों में शिकायत दर्ज करने का माध्यम है। इस पोर्टल के साथ अब तक 700 से अधिक पुलिस जिले और 3,900 से अधिक पुलिस स्टेशन जुड़ चुके हैं। इस पोर्टल से मामलों की जांच करने के लिए कानून प्रवर्तन एजेंसियों की क्षमता में सुधार होता है। यह पोर्टल वित्तीय अपराधों और सोशल मीडिया से संबंधित अपराधों जैसे स्टाकिंग, साइबर बुलिंग आदि अपराधों के समाधान का भी मंच है।
इससे साइबर अपराधों से निपटने के लिए विभिन्न राज्यों, जिलों और पुलिस स्टेशनों की कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच समन्वय बढेगा। यह पोर्टल आने वाले समय में साइबर क्राइम की रोकथाम और पोर्टल पर घटनाओं की रिपोर्ट करने के लिए जनता को स्वचालित इंटरैक्टिव सहायता प्रणाली के लिए आदान प्रदान का माध्यम भी बनेगा।