मुंबई। महाराष्ट्र में सोमवार को सरकार बनाने के लिए विभिन्न दलों की ओर से जारी कवायद के बीच अब सभी की निगाहें शरद पवार के नेतृत्व वाले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और विशेष रूप से कांग्रेस पर जा टिकी है। दोनों दलों की महत्वपूर्ण बैठकें मंगलवार को होगी जिसमें वे अपने फैसले का एलान करेंगी। राज्य में चौथे नंबर की पार्टी कांग्रेस (44) का सरकार बनाने में सबसे अहम भूमिका होगी क्योंकि सरकार बनाने की प्रबल दावेदार शिव सेना (56) और राकांपा (54) को सरकार बनाने के लिए उसका समर्थन निहायत ही आवश्यकता होगी। तीनों पार्टियों को मिलाकर ही (154) के स्पष्ट बहुमत के आंकडों को पार किया जा सकता है। लेकिन सांप्रदायिकता और धर्म आधारित राजनीति का विरोध करने वाली कांग्रेस के लिए शिव सेना को समर्थन देना या लेना आसान नहीं होगा।
पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सोमवार की सुबह पार्टी के प्रमुख नेताओं की बैठक बुलाई है जिसमें महाराष्ट्र में सरकार बनाने या ना बनाने को लेकर चर्चा की जाएगी। इसबीच राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने सोमवार को शिवसेना के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के बाद देर रात राकांपा को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया। राकांपा के मुताबिक सरकार बनाने के लिए दावा पेश करने के वास्ते मंगलवार रात साढे आठ बजे तक का समय दिया है। राकांपा की कल दोपहर अहम बैठक होगी जिसमें सरकार बनाने की रणनीति पर विचार कर निर्णय लिया जाएगा। गौरतलब है कि राज्य विधानसभा में चुनाव जीतकर सबसे बड़ी पार्टी भारतीय जनता पार्टी के सरकार बनाने का दावा पेश करने से इंकार करने के बाद कोश्यारी उसके बाद पार्टियों को सरकार बनाने का आमंत्रण दे रहे हैं। अपनी संवैधानिक औपचारिकतायें पूरी करते हुए कोश्यारी ने सोमवार की शाम शिव सेना और बाद में अजीत पवार के नेतृत्व में वाली राकांपा के प्रतिनिधिमंडल को सरकार बनाने का दावा पेश करने को कहा।