नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह दशहरे के दिन आठ अक्तूबर को राफेल लड़ाकू विमान लेने के लिए फ्रांस जाएंगे। दशहरे वाले दिन ही वायुसेना दिवस भी है। हालांकि रक्षा मंत्री की आधिकारिक यात्रा के साथ ही यह शक्तिशाली विमान वायुसेना में शामिल हो जाएगा, लेकिन भारत में इसकी पहली खेप मई, 2020 से पहले नहीं आएगी।
साल 2016 में भारतीय वायुसेना को तेजस लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट मिलने के बाद यह पहला बड़ा मौका होगा जब वायुसेना के बेड़े में कोई नया लड़ाकू विमान शामिल किया जा रहा है। भारत को मिलने वाले 36 विमानों की डील में से पहले चार अंबाला में अगले साल मई में सौंपे जाएंगे। यह डील सितंबर 2016 में हुई थी। फ्रांस में होने वाले कार्यक्रम में दोनों देशों के रक्षा मंत्री और रक्षा विभाग के शीर्ष अधिकारी शामिल होंगे।
पहले 16 राफेल को वायुसेना की 17वी स्क्वाड्रन गोल्डन एरोज में शामिल किया जाएगा, साल 1999 के करगिल युद्ध के दौरान हीरो बनकर उभरी इस स्क्वाड्रन को हाल ही में सेवानिवृत हुए एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ ने कमांड किया था। अप्रैल 2022 में आने वाले अगले 16 राफेल जेट को पश्चिम बंगाल के हासिमारा में रखा जाएगा। राफेल विमान को हालांकि भारत आने में कुछ समय और लगेगा क्योंकि इनकी व्यापक जांच और पायलट की ट्रेनिंग में काफी समय लगता है।