नई दिल्ली। पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने सऊदी अरब के दो तेल संयंत्रों पर पिछले महीने हुये ड्रोन हमलों के परिप्रेक्ष्य में गुरुवार को कहा कि सतत और सस्ती ऊर्जा हासिल करना भारत का शीर्ष एजेंडा है। प्रधान ने यहाँ ‘इंडिया इकोनॉमिक समिट’ में इस बात का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘हम आज व्यापक तेल एवं गैस संकट को ध्यान में रखते हुए बैठक कर रहे हैं जो सऊदी अरब के अबकैक और खुराइस स्थित तेल प्रसंस्करण संयंत्रों पर हमले से उत्पन्न हुआ है।
कीमतों में तेज उतार-चढ़ाव और निरंतर तेल आपूर्ति को लेकर बढ़ती चिंताओं ने उपभोक्ता देशों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं क्योंकि यह सच है कि भारत के साथ-साथ ज्यादातर दक्षिण एशियाई देश कच्चे तेल और गैस के आयात पर काफी हद तक निर्भर हैं। अत: भारत सहित इन सभी देशों के लिए सतत एवं सस्ती ऊर्जा हासिल अथवा सुनिश्चित करना शीर्ष एजेंडा है।’’ उन्होंने कहा कि भारत दुनिया का तीसरे सबसे बड़ा ऊर्जा उपभोक्ता देश है और ऐसे में यह स्वाभाविक ही है कि वैश्विक स्तर पर ऊर्जा संबंधी चर्चाओं के दौरान भारत में ऊर्जा क्षेत्र से जुड़े घटनाक्रमों पर गंभीरता से ध्यान दिया जाता है। इसके साथ ही यह भी सच है कि देश में ऊर्जा की कमी से निपटने के लिए अनेक रूपांतरणकारी पहलों पर अमल करके भारत विश्व में अग्रणी भूमिका निभा रहा है।
पेट्रोलियम मंत्री ने कहा, ‘‘हम भारत को 50 खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाना चाहते हैं। इसलिए देश की 130 करोड़ जनता के लिए ऊर्जा की उपलब्धता बढ़ाना जरूरी है। भारत में प्रति व्यक्ति ऊर्जा खपत वैश्विक औसत से कम है। अत: ऊर्जा की मांग वर्ष 2035 तक सालाना 4.2 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान है। ऊर्जा नियोजन से जुड़ी हमारी एकीकृत अवधारणा के तहत ऊर्जा न्याय भी अपने आप में एक अहम उद्देश्य होगा।’’ प्रधान ने सरकार की ओर से देश में ऊर्जा की कमी समाप्त करने का संकल्प व्यक्त किया जो पिछले पाँच वर्ष में अपनाई गई ऐतिहासिक नीतियों और पहलों के साथ-साथ इस वर्ष जून से अमल में लाये जा रहे कार्यक्रमों के नतीजों से स्पष्ट होता है। उन्होंने कहा कि इस दिशा में हम नवाचार और स्वच्छ ऊर्जा पर विशेष ध्यान दे रहे हैं।