अमृतसर। अखिल भारत हिन्दू महासभा ने मांग की है कि भविष्य में आरक्षण को लागू करने या न करने के संबंध में संसद में बहस करवानी चाहिए। हिन्दू महासभा के उपाध्यक्ष अध्यक्ष एडवोकेट गगन भाटिया और पंजाब के महासचिव राजविंदर राजा ने आज यहां जारी बयान में कहा कि इस मामले को लेकर अखिल भारत हिन्दू महासभा की राष्ट्रीय अध्यक्ष राज्यश्री चौधरी के दिशा निर्देशों पर एक छह सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल लोक सभा के अध्यक्ष ओम बिरला से मुलाकात करेगा। इस विषय को लेकर महासभा ने लोक सभा स्पीकर को पत्र भी भेज दिया है। उन्होंने कहा कि आरएसएस और भाजपा देश में आरक्षण को खत्म करने के लिए तर्क देती रही है। आज भाजपा के पास लोकसभा में पूर्ण बहुमत है।
इसलिए आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत को भी भाजपा पर दबाव बना कर संसद में आरक्षण के मुद्दे पर बहस करवानी चाहिए। उन्होने कहा कि अखिल भारत हिन्दू महासभा शुरू से ही देश के अंदर जाति के आधार पर देश के हिन्दू समाज को बांटने की साजिशों का विरोध करती है। चुनावों से पहले भी भाजपा के नेता आरक्षण को खत्म करने के लिए देश की जनता से वायदे करते रहे है। अब वर्ष 2020 में आरक्षण की समय सीमा खत्म होने वाली है। दोनों नेताओं ने कहा कि जाति आधारित आरक्षण को कुछ शक्तियां दोबारा आगे बढ़ा कर देश के लोगों को जातियों में बांटने की साजिश में लगे हुए है ताकि देश की हिन्दू शक्ति को कमजोर किया जा सके।
हिन्दू महासभा शुरू से ही जाति प्रथा को खत्म करने के लिए आवाज उठाती रही है। आरएसएस के मुखी मोहन भागवत भी कह चुके है कि आरक्षण को एक सीमित समय के लिए लागू किया गया था। इस लिए अब आरक्षण के मुद्दे पर बहस संसद में होनी चाहिए। हिन्दू महासभा की मांग है कि केंद्र सरकार आरक्षण के संबंध में संसद के अंदर व बाहर बहस करवाएं और देश की जनता की राय जान कर भविष्य में आरक्षण संबंधी कोई फैसला ले।