नई दिल्ली। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने यूरोप के उद्योगों से भारत में निवेश करने का आव्हान करते हुए कहा है कि प्रौद्योगिकी, एयरोस्पेस, औषधि, कृषि उत्पाद और प्रसंस्करण, ऊर्जा, नौवहन, पर्यटन, खनन, खाद्य तथा संस्कृति जैसे क्षेत्रों में व्यापक संभावनायें मौजूद हैं। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने आज यहां बताया कि पुरी के नेतृत्व में भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने यूनान के थेस्सालोनिकी अंतरराष्ट्रीय मेले में हिस्सा लिया। प्रतिनिधिमंडल में वरिष्ठ अधिकारी, व्यापारी और प्रतिष्ठित भारतीय उद्यमी शामिल थे। यूनान के 84वें टीआईएफ में भारत में विशेष आमंत्रित देश है।
मेले में भारत के नवभारत मंडप का उद्घाटन सात सितंबर को यूनान के प्रधानमंत्री कायरियाकोस मितसोताकिस और पुरी ने किया था। व्यापार मेले के दौरान पुरी ने दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार संबंधों को मजबूत बनाने के लिए दक्षिण-पूर्व यूरोप के विस्तृत क्षेत्र तथा यूनान में भारतीय व्यापार के विकास की संभावनाओं को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि वर्ष 2025 तक भारत की अर्थव्यवस्था 50 खरब डॉलर तक पहुंच जाने की उम्मीद है और वह विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि यूनान यूरोपीय संघ, यूरोजोन और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों का सदस्य है तथा वह प्रौद्योगिकी, एयरोस्पेस, औषधि, कृषि उत्पाद और प्रसंस्करण, ऊर्जा, नौवहन, पर्यटन, खनन, खाद्य तथा संस्कृति जैसे प्रमुख क्षेत्रों के मद्देनजर भारतीय कंपनियों के लिए यूरोपीय देशों का केन्द्र बन सकता है। पुरी ने कहा कि भारत इंजीनियरिंग, प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष कार्यक्रमों तथा आधुनिक शल्य चिकित्सा की प्रगति, समृद्ध विरासत, संस्कृति, वस्त्र, आयुर्वेद, योग और विविध खानपान के लिए जाना जाता है। उन्होंने कहा कि भारत निवेशों का स्वागत करता है और वह प्रौद्योगिकी, नवाचार और विज्ञान के वैश्विक विकास में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। वैश्विक नवाचार सूचकांक 2019 में भारत 52वें स्थान पर पहुंच गया है।