नई दिल्ली। आसियान तथा पूर्वी एशियाई देशों के संगठन क्षेत्रीय समग्र आर्थिक साझेदारी ने कहा कि वैश्विक मंदी से निपटने में संबंधित देशों का समझौता सहायक हो सकता है इसलिए इसे जल्दी से जल्दी संपन्न करना चाहिए। थाईलैंड के बैंकाक में सातवीं आरसीईपी की बैठक में बाद जारी घोषणा पत्र में कहा कि व्यापार और निवेश की अनिश्चितता के कारण पूरे विश्व में विकास धीमा हुआ है, जिसका प्रभाव व्यापार और रोजगार पर पड़ सकता है। वैश्विक मंदी के प्रभावों से निपटने में आरसीईपी सहायक बन सकता है। इसलिए आरसीईपी समझौते को जल्दी से जल्दी पूरा करना चाहिए। इसकी बातचीत की प्रक्रिया में देरी होने से भागीदारी देशों के विकास पर असर होगा। घोषणा पत्र में कहा गया कि आरसीईपी के दूरगामी नजरिए को व्यापक करना होगा। आरसीईपी से बाजार में स्थिरता और निश्चितता पैदा होगी जिससे क्षेत्र में व्यापार और निवेश को प्रोत्साहित होगा।
बैठक में भारत का नेतृत्व केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने किया। बैठक में ऑस्ट्रेलिया के व्यापार, पर्यटन और निवेश मंत्री सीनेटर साइमन बर्मिंघम, ब्रूनेई के प्रधानमंत्री कार्यालय में मंत्री तथा वित्त और अर्थव्यवस्था मंत्री दातो डॉ. अमीन लेव अब्दुल्ला, कंबोडिया के वाणिज्य मंत्री पैन सोरासक, चीन के वाणिज्य उप-मंत्री वांङ शओवन, इंडोनेशिया के व्यापार मंत्री एनगारतियास्तो लुकिता, जापान के अर्थव्यवस्था, व्यापार एवं उद्योग मंत्री हिरोशिगे सेको, दक्षिण कोरिया की व्यापार मंत्री मायूंग ही यू, लाओस की उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री खेम्मानी फोलसेना, मलेशिया के अंतरराष्ट्रीय व्यापार और उद्योग मंत्री डारेल लेकिंग, म्यांमार के निवेश एवं विदेश आर्थिक संबंध मंत्री थाउंग तुन, न्यूजीलैंड के व्यापार एवं निर्यात विकास राज्य मंत्री डेमियन ओ कॉनोर, फिलिपींस के व्यापार एवं उद्योग मंत्री रैमन एम लोपेज, सिंगापुर के व्यापार एवं उद्योग मंत्री छान छुन सिंग, थाइलैंड के उप-प्रधानमंत्री तथा वाणिज्य मंत्री जूरिन लकसानाविसित, वियतनाम के उद्योग एवं व्यापार उप-मंत्री त्रान क्यूओक खान्ह तथा आसियान के महासचिव दातो जॉक होई भी उपस्थित थे।