सोनीपत। अरुणाचल प्रदेश में विमान हादसे में शहीद हुए सोनीपत के कोहला गांव के पंकज सांगवान ने सेना में अधिकारी बनकर देश सेवा करने का सपना बचपन में ही देख लिया था। पंकज ने 12वीं कक्षा में जाने के साथ ही सेना में जाने के लिए परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी थी। लगन और देश सेवा के जज्बे के चलते वह पहली बार में ही सभी परीक्षाएं पास कर सेना में भर्ती हो गया। विमान के उड़ान भरने से एक दिन पहले भी पंकज ने मां सुनीता से फोन पर काफी देर तक बातचीत की थी। उसने बताया था कि यहां पर मौसम खराब रहता है और मौसम अगर साफ रहा तो वह भी जाएगा। विमान लापता होने के बाद से सुनीता का रो-रोकर बुरा हाल है।
उन्हें उम्मीद थी कि उनका इकलौता बेटा सकुशल वापस लौटेगा। वायुसेना के अधिकारियों ने सैनिकों के जीवित नहीं होने की सूचना दी तो वह उम्मीद भी टूट गई। पंकज ने 28 जून को एक माह की छुट्टी पर घर आना था। लेकिन उसके निधन की सूचना के बाद गांव में माहौल गमगीन हो गया। परिवार के सदस्यों को सांत्वना देने के लिए ग्रामीण भी पहुंचे। सभी ने परिवार को हौंसला दिया। पंकज का परिवार खेती करता है। पंकज ने कहा था कि छुट्टियां मंजूर हो चुकी हैं। आकर धान की रोपाई भी करा दूंगा। वह जुलाई 2015 में सेना में भर्ती हुआ था और असम के जोरहाट में उनकी पहली तैनाती थी।