नई दिल्ली। चक्रवाती तूफान ने फानी ने आज सुबह ही ओडिशा में अपनी दस्तक दे दी है। इस तूफान के एक दस्तक से ही ओडिशा के आस पास के इलाकों के हालात काफी बिगड़ गए हैं। इस तूफान का प्रकोप तटीय क्षेत्र के पास इतना ज्यादा है कि वहां का यातायात बुरी तरह से प्रभावित हो गए हैं। रेल, सड़क और हवाई यातायात को बंद कर दिया गया है।
‘फानी’ तूफान ओडिशा में पुरी तट से टकराने के बाद धीरे-धीरे कमजोर हो रहा है। तट से टकराने के बाद पहले पुरी में 245 किमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल रही थीं। अब हवाओं का रफ्तार कम हो गया है। पुरी में फिलहाल 160 किमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल रही हैं।
वहीं इस तूफान के चलते ओडिशा में भारी बारिश के साथ ही तेज हवाएं भी चल रही हैं। जिसके चलते तटीय क्षेत्रों के आस पास रहने वाले लोगों को आज घर में ही रहने की सलाह दी जा रही है। इस तूफान से ओडिशा के 14 जिले सबसे ज्यादा प्रभावित हो सकते हैं, जिनमें पुरी, जगतसिंहपुर, केंद्रपारा, बालासोर, भदरक, गंजम,खुर्दा, जाजपुर, नयागढ़, कटक, गाजापटी, मयूरभंज, ढेंकानाल और कियोंझार का नाम है।
फानी तूफान के चलते ओडिशा में मरने वालों की संख्या बढ़कर 2 को हो गई है। ओडिशा स्टेट स्पेशल रिलीफ कमिश्नर विष्णुपदा सेठी ने बताया कि मैं दो लोगों के मौत की पुष्टि करता हूं। उन्होंने कहा कि एक शख्स की मौत पेड़ गिरने से हुई है जबकि दूसरे की मौत हार्ट अटैक की वजह से हुई है।
बता दें कि इस तूफान से कई पेड़ उखड़ गए और भुवनेश्वर समेत कुछ स्थानों पर बनीं झोपडिय़ां तबाह हो गई हैं। क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र, भुवनेश्वर के निदेशक एच. आर. बिस्वास ने कहा, ‘‘चक्रवात सुबह करीब आठ बजे पुरी तट पर पहुंचा और चक्रवात के पहुंचने की प्रक्रिया पूरी होने में करीब तीन घंटे का समय लगेगा।’
बिस्वास ने बताया कि चक्रवात का केंद्र करीब 28 किलोमीटर दूर है और वह 30 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है। चक्रवात के तट पर पूरी तरह पहुंचने की प्रक्रिया सुबह 11 बजे तक खत्म होने की संभावना है। पुरी और आसपास के इलाकों में 175 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चल रही है जो 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पर पहुंच सकता है।
विशेष राहत आयुक्त (एसआरसी) बी. पी. सेठी ने बताया कि चक्रवात के कारण गंजाम, पुरी, खोरधा और गजपति जैसे कई तटीय जिलों में प्रचंड हवा चल रही है। उन्होंने बताया कि कम से कम 11 तटीय जिलों के निचले और संवेदनशील इलाकों से करीब 11 लाख लोगों को सुरक्षित जगह पर ले जाया गया है। इन लोगों को 4,000 शिविरों में ठहराया गया है जिनमें से विशेष रूप से चक्रवात के लिए बनाए गए 880 केंद्र शामिल हैं।
सेठी ने बताया कि राज्य के किसी भी हिस्से से किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। सरकार किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। उन्होंने बताया कि राजधानी भुवनेश्वर में 140 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने की संभावना है।