नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने यात्रियों और वाहन चालकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए व्यापक स्तर पर आटोमोबाइल उद्योग में शोध एवं विकास को बढ़ावा देने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) और रोबोट तकनीक का इस्तेमाल करने का फैसला किया है। इंटरनेशनल सेंटर फॉर ऑटोमेटिव टेक्नोलॉजी (आईसीएटी) मानेसर के निदेशक डेनिया त्यागी ने बुधवार को यहां बताया कि यात्री की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए संस्थानों में वाहनों की कड़ी जांच की व्यवस्था की गयी है।
संस्थान में श्रेष्ठ और विशेषज्ञ इंजीनियरों को खास तौर पर भर्ती की गयी है जिससे उचित जांच प्रक्रिया का पूरी तरह से पालन हो सके। संस्थान ने वाहनों की जांच के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता और रोबोट तकनीक का इस्तेमाल करना शुरु किया है जिससे सटीक परिणाम प्राप्त किये जा सके। यह संस्थान उत्तर भारत में निर्मित होने वाले समस्त वाहनों की सुरक्षा जांच करता है। उन्होने कहा कि भविष्य के लिए संस्थान एशिया के समस्त समान संस्थानों के सहयोग की संभावनायें तलाश रहा है।
इससे क्षेत्र के आटो उद्योग की सभी प्रक्रियाओं पर नजर रखना संभव हो सकेगा। आटो उद्योग की महत्ता का उल्लेख करते हुए त्यागी ने कहा कि आटोमोबाइल उद्योग की जीडीपी में हिस्सेदारी साढ़े सात प्रतिशत से अधिक है और यह तेजी से बढ़ रहा है। सरकार इस उद्योग के साथ सहयोग करने के लिये पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। वाहनों की सुरक्षा जांच के लिए नये नये केंद्र स्थापित किये जा रहे हैं। इससे वाहन उद्योग को नई नई तकनीक अपनाने के लिये प्रेरित किया जा सकेगा।