नई दिल्ली। फिल्म डायरेक्टर राखी शांडिल्य की फिल्म ‘रिबन’ आज सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है। इस फिल्म में कल्कि केकला, सुमित व्यास, नेहा लेयर, कियारा सोनी मुख्य भूमिकाओं में हैं। जिसे देखो वही भाग रहा है। सबके पास अपने-अपने कारण भी हैं। लेकिन कभी आपको इन जरूरतों और अपने परिवार के बीच किसी एक चीज को चुनने का मौका मिले तो आप क्या करेंगे? जिंदगी की इसी उथल-पुथल और जद्दोजहद की कहानी है फिल्म ‘रिबन’। जिंदगी अच्छी खासी चल रही होती है। एक यंग कपल, जो अपने सपनों को पूरा करने के लिए मुंबई शहर में जी-जान से मेहनत कर रहा होता है।
करण (समित व्यास) साहना (कल्कि केकला) इश्क, प्यार और मोहब्बत के बीच एक आम जोड़े की तरह अपनी जिंदगी जी रहे होते हैं, लेकिन तभी पता चलता है कल्कि मां बनने वाली है। इसे सुनकर जहां करण एक ओर खुश होता है, वहीं दूसरी ओर कल्कि इस प्रेग्ननेंसी की खबर से घबरा जाती है। उसे लगता है वह इस बच्चे की जिम्मेदारी नहीं उठा पाएगी। इस वजह से वह अबॉर्शन के बारे में सोचने लगती है और फूट-फूटकर रोने लगती है, लेकिन सुमित के प्यार से समझाने के बाद वह मान जाती है। दोनों इस बच्चे को जिंदगी में लाने का फैसला करते हैं। इस फैसले के बावजूद कल्कि को कहीं न कहीं नौकरी का डर सताने लगता है। जिस फुर्ती के साथ वह पहले काम कर पाती थी, प्रेग्ननेंसी के बाद वो फुर्ती कम होती जा रही थी। खैर, वक्त बीतता है और कल्कि एक बच्ची की मां बन जाती है।
मैटरनिटी लीव के बाद कल्कि केकला की ऑफिस में फिर वापसी होती है, लेकिन अब बात पहले जैसे नहीं होती। छुट्टी में जाने के बाद उसकी सीट कोई और संभाल लेता है। कई बार कल्कि को अपमान का घूंट पीना पड़ता है। वह हारकर नौकरी छोड़ देती है। दूसरी नौकरी ज्वाइन करती है। और करण को काम के सिलसिले में दूसरे शहर में शिफ्ट होना पड़ता है। इसी दौरान बच्ची बड़ी हो जाती है। स्कूल जाना शुरू करती है। एक दिन करण अपनी बेटी को स्कूल बस तक छोड़ने जाते हैं, फिर रास्ते उनकी बेटी के साथ कुछ ऐसा होता है जिसे देखकर सुमित के दिमाग की नसें फट जाती हैं. कल्कि केकला अपना सिर पीट लेती है। वहीं से होती है असल मायने में फिल्म की शुरुआत।