मुबंई। लंबे समय से चल रहे विवाद के बाद आखिरकार फिल्म ‘लिपस्टिक अंडर माय बुर्का’ आज रिलीज होगी। इस फिल्म को सेंसर बोर्ड ने बैन कर दिया था। इसके बाद फिल्म के मेकर्स ने कोर्ट के चक्कर काटकर फिल्म को सर्टिफिकेट दिलाया। फिल्म की कहानी छोटे शहरों की चार महिलाओं पर आधारित है, जो आज़ादी की तलाश में है। उम्र के अपने-अपने पड़ाव पर जिन्दगी जी रही ये महिलाएं प्यार और स्वछन्दता की भूखी हैं।
निर्देशक अलंकृता श्रीवास्तव ने शायद यह बताने की कोशिश की है कि ये सिर्फ इन चार महिलाओं की ही नहीं बल्कि हर महिला की कहानी है। इस फिल्म में रत्ना पाठक शाह, कोंकणा सेन शर्मा, आहना कुमरा, प्लबिता बोरठाकुर लीड रोल निभा रही हैं।
फिल्म के निर्माता प्रकाश झा हैं। इस फिल्म में बुर्का का मतलब सिर्फ मुस्लिम औरतों के चेहरे और शरीर को ढकने का हिजाब भर नहीं है बल्कि इस फ़िल्म में बुर्खे का मतलब पितृसत्ता वाले नैतिक ठेकेदारों द्वारा औरतों के सपनें, इच्छाएं और आज़ादी को खत्म करना दर्शाया गया है।