स्टारकास्ट - डायना पेंटी, अभय देओल,पीयुष मिश्रा, जिम्मी शेरगिल, अली फजल
निर्देशक - मुदस्सर अजीज
कहानी बिलाल अहमद (अभय देओल) के पिता की भारत में आयोजित एक कॉन्फ्रेंस से शुरू होती है, बिलाल के पिता पाकिस्तान के एक्स गवर्नर होते हैं और उनकी वहां पर सब बहुत इज्जत करते हैं। लेकिन बिलाल उस कॉन्फ्रेंस से भाग जाता है और मैच खेलने में जुट जाता है।
वहीं दूसरी तरफ दमन सिंह बग्गा (जिम्मी शेरगिल) पंजाब का कार्पोरेटर और रसूखदार होता है और वह हरप्रीत कौर हैप्पी (डायना पेंटी) से जबरन करना चाहता है, जबकि हैप्पी एक साधारण म्यूजीशियन गुड्डू (अली फजल) से प्यार करती है। अब हैप्पी बग्गा से शादी न करने की वजह से गुड्डू द्वारा एक प्लान के मुताबिक एक फूलों से भरे ट्रक में भाग जाती है। वह ट्रक गलत होता है और वह दूसरे ट्रक से बगैर वीजा, पासपोर्ट के बिलाल के घर लाहौर पहुंच जाती है।
फिल्म का एक बड़ा हिस्सा पाकिस्तान में है। जहां आपको कई कलरफुल कैरेक्टर्स उर्दू में अपना हाथ आजमाते नजर आएंगे। फिल्म में पीयूष मिश्रा एक पुलिस अफसर के किरदार में हैं। बिलाल यानी अभय देओल के पिता (जावेद शेख) चाहते हैं कि उनका बेटा पॉलिटिक्स ज्वाइन करे।
फिल्म एक अच्छी कॉमेडी फिल्म बन सकती थी। बीच-बीच में आने वाले पंच और अच्छे टच होने के बादजूद इसे कॉमेडी कैटेगरी में नहीं रखा जा सकता। फिल्म की कास्टिंग के समय कुछ गलत फैसले लिए गए। जैसे कि डायना पेंटी एक ‘पंजाबी पटाका’ के रोल में बिल्कुल फिट नहीं बैठतीं।
अली फजल का काम एक थैंकलेस पार्ट है। जिमी शेरगिल को कुछ फनी लाइंस दी गई हैं लेकिन वो भी तनु वेड्स मनु का रिपीट ही लग रहे हैं। इतना ही नहीं फिल्म में कुछ ऐसे सीन्स हैं जहां आप दोनों फिल्मों में समानता देख सकते हैं। अभय देओल को पर्दे पर देखकर अच्छा लगा। उनके साथ पाकिस्तानी टीवी एक्ट्रेस मोमल शेख ने अच्छा काम किया है।