शिवपुरी। भीषण जल समस्याग्रस्त मध्यप्रदेश के शिवपुरी में जहां अधिकांश जल के स्त्रोत एवं नलकूप सूख चुके हैं, वहां आज फिर से सिंधु जल आवर्धन योजना का पानी आना रुक गया। इसके कारण जल संकट और भी गहरा गया। वर्षा नहीं होने के कारण यहां के बचे-खुचे प्राकृतिक जल स्रोत भी दम तोड़ते जा रहे हैं। नगर पालिका शिवपुरी के प्रभारी मुख्य नगरपालिका अधिकारी जी पी भार्गव के अनुसार कुछ पाइपलाइन में गड़बड़ी आने के कारण आज सिंधु जल आवर्धन योजना का पानी नहीं आ पाया। गड़बड़ी दूर की जा रही है। शिवपुरी में लगभग 350 नलकूपों में से केवल सौ नलकूप थोड़ा बहुत पानी दे रहे हैं।
बाकी सब सूख चुके हैं। आधे शहर को माधव राष्ट्रीय उद्यान की संख्या सागर चांद पाटा झील से पानी दिया जाता है। उसका पानी भी कम होते होते केवल इतना बचा है कि उससे राष्ट्रीय उद्यान के वन्य प्राणी अपनी प्यास बुझा सके। इस झील से एक दिन पूर्व आखरी बार पानी शहर को देने के लिए छोड़ा जा चुका है। अब वर्षा होने के बाद ही इससे पानी मिल सकेगा। शिवपुरी शहर की जनता को पानी देने की आस केवल सिंधु जल आवर्धन योजना पर टिकी है।
उसका पानी अगर बंद होता है, तो शहर के हालात बिगड़ने की संभावना है। क्योंकि पानी की और कोई वैकल्पिक व्यवस्था दिखाई नहीं देती। केवल बारिश पर ही सब की उम्मीद टिकी है। अभी तक वर्षा नहीं होना भी लोगों की चिंता का कारण बनता जा रहा है। बारिश में देरी होने से अल्प वर्षा वाले शिवपुरी जिले में पानी की स्थिति गंभीर होती जा रही है। निजी जल विक्रेताओं पर जितना पानी बचा है। वह उसके मनमाने दाम वसूल रहे हैं तथा लोग उनसे पानी लेने के लिए तब ज्यादा मजबूर होते हैं, जब सिंधु जल आवर्धन योजना का पानी आना रुक जाता है।