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नदियां बचाने के लिए नजर आ रही है व्यापक सहमति - सद्गुरु

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Sep 23 2017 6:48PM | Updated Date: Sep 23 2017 6:48PM
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भोपाल। ईशा फाउंडेशन के संस्थापक सद्गुरु जग्गी वासुदेव ने आज कहा कि पूरे देश में नदियों को बचाने के लिए सभी राज्यों में अलग-अलग राजनीतिक विचारधाराओं से संबंध सरकारों के बावजूद व्यापक सहमति नजर आ रही है। सद्गुरु जग्गी वासुदेव ने यहां मीडिया से चर्चा के दौरान कहा कि नदियां बचाने और उससे संबंधित नीति के लिए सहमति बनाने में 'रैली फॉर रिवर' अभियान की भूमिका को इस अभियान की सबसे बड़ी उपलब्धि के रूप में परिभाषित किया जा सकता है।
 
यदि इस नीति को क्रियान्वित किया जाता है तो नदियों का जलस्तर 20 से 25 प्रतिशत बढ़ाने में कम से कम 15 से 20 साल लगेंगे। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश ऐसा नौवां राज्य है, जहां रैली पहुंची है। रैली ने अब तक छह हजार किलोमीटर का सफर तय किया है और हजारों लोगों तक पहुंची है। उन्होंने सभी 16 राज्यों द्वारा उनके अभियान के समर्थन का उल्लेख करते हुए मध्यप्रदेश सरकार की यह कहते हुए
 
तारीफ की कि उनके आव्हान पर तत्परता से काम हुआ और नर्मदा नदी के किनारे पौधरोपण के लिए आठ हजार 500 करोड़ रुपए आवंटित कर दिए गए। नर्मदा यात्रा से संबंधित एक प्रश्न का उत्तर देते हुए उन्होंने स्वीकार किया कि हर नदी से लोगों को वैसा भवनात्मक लगाव नहीं हो सकता, जैसा नर्मदा से है। अन्य नदियों के उद्धार के लिए अलग तरह के काम करने की जरूरत है।
 
नदियों की जोड़ने की परियोजनाओं के बारे में एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि उनका अभियान नदियों को पुनर्जीवित के लिए है और नदियों को जोड़ने एवं उसका पानी साझा करने के मुद्दे वैज्ञानिक पहलुओं के आधार पर तय हो सकते हैं। अवैध रेत उत्खनन संबंधी एक प्रश्न का उत्तर देते हुए उन्होंने कहा कि नीति के ड्रफ्ट में नदियों में तीन हजार वर्ग फीट तक उत्खनन की अनुमति दी गई है।
 
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