26 Apr 2024, 12:17:53 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android

जबलपुर। सागर के बीना न्यायालय द्वारा जारी गिरफ्तारी वारंट तथा कार्यक्रम के प्रसारण में लगाई गई रोक के खिलाफ निर्मल बाबा ने हाईकोर्ट की शरण ली थी। दोनों याचिका की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट  की एकलपीठ ने फैसला सुरक्षित रखने के निर्देश दिए थे। फैसला आने के पूर्व निर्मल बाबा की तरफ से हाईकोर्ट में आवेदन पेश किया गया, जिसमें कहा गया था कि शिकायतकर्ता से सुलह हो गई है।
 
आवेदन पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट के जस्टिस एसके गंगेले ने याचिकाओं पर पुन: सुनवाई के  निर्देश दिए हैं।  गौरतलब है कि वर्ष 2012 में बीना निवासी सुरेन्द्र विश्वकर्मा की तरफ से दायर परिवाद की सुनवाई करते हुए जिला न्यायालय ने निर्मलजीत सिंह नरूला उर्फ निर्मल बाबा के खिलाफ परिवाद दायर किया था।
 
 दायर परिवाद में कहा गया था कि निर्मल बाबा द्वारा बताए गए उपाय से उसे लाभ नहीं हुआ, बल्कि उसका स्वास्थ खराब हो गया। परिवाद की सुनवाई करते हुए जिला न्यायालय ने निर्मल बाबा के खिलाफ परिवाद दायर किया था। निर्मल बाबा ने इस मामले में जमानत के लिए हाईकोर्ट की शरण ली थी। हाईकोर्ट से उन्हें अग्रिम जमानत का लाभ मिल गया था। 
 
कोर्ट ने लगा दी थी प्रसारण पर रोक
परिवाद की सुनवाई के दौरान जिला न्यायालय ने बाबा के कार्यक्रमों के प्रसारण में रोक लगा दी थी। जिसके खिलाफ उन्होंने हाईकोर्ट की शरण ली थी। दोनों याचिकाओं पर उभय पक्ष की दलील सुनने के बाद एकलपीठ ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।  याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता सिद्धार्थ दत्त तथा अनावेदक की तरफ से अधिवक्ता अंशुमान सिंह पैरवी कर रहे हैं।  
 
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