इंदौर। होटल और अतिथि सत्कार उद्योग पर पांच प्रतिशत की दर से वस्तु और सेवा कर (जीएसटी) लगाए जाने की एक औद्योगिक संगठन की मांग के बीच केंद्र सरकार के पर्यटन विभाग के एक आला अधिकारी का कहना है कि उन्हें उम्मीद है कि यह नई कर प्रणाली इस उद्योग के लिए काफी बेहतर साबित होगी।
केंद्रीय पर्यटन सचिव विनोद जुत्शी ने फेडरेशन आॅफ होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन्स आॅफ इंडिया (एफएचआरएआई) के राष्ट्रीय सम्मेलन के समापन समारोह में यहां शनिवार रात कहा, हमें उम्मीद है कि सरकार जीएसटी का जो भी स्तर या ढांचा तय करेगी, वह आपके (होटल और अतिथि सत्कार उद्योग) लिए निश्चित तौर पर काफी बेहतर साबित होेगा
एफएचआरएआई के अध्यक्ष भरत एच. मलकानी ने हाल ही में मांग की थी कि होटल और अतिथि सत्कार उद्योग पर पांच प्रतिशत की दर से वस्तु और सेवा कर (जीएसटी) लगाया जाना चाहिए, क्योंकि विलासिता कर और सेवा कर जैसे मौजूदा करों के भारी बोझ से इस उद्योग की हालत पतली है।
केंद्रीय पर्यटन सचिव ने समारोह में जोर देकर कहा कि भारत में विदेशी सैलानियों की तादाद बढ़ाने के लिए दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क) और दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के संगठन (आसियान) के मुल्कों के साथ चीन और रूस पर खास ध्यान दिया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2017 (जनवरी-दिसंबर) तक भारत में विदेशी सैलानियों की सालाना तादाद एक करोड़ के ऊंचे स्तर पर पहुंचने की उम्मीद है। एफएचआरएआई के तीन दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन के समापन समारोह में मध्यप्रदेश के पर्यटन मंत्री सुरेंद्र पटवा भी शामिल हुए।
पटवा ने निवेशकों के लिए लाल कालीन बिछाते हुए कहा कि सूबे में पर्यटन उद्योग के विस्तार के चमकदार अवसर और हरसंभव सरकारी सुविधाएं मौजूद हैं और होटल व अतिथि सत्कार उद्योग के नुमाइंदों का इनका पूरा लाभ लेना चाहिए।