दुनिया में करोड़ों लोगों के सुबह की शुरूआत चाय की प्याली से होती है। एक कप चाय हम सभी को एनर्जी से भर देता है, लेकिन क्या आप जानते हैं चाय की शुरूआत कैसे हुई थी। कहा जाता है कि चाय की शुरूआत 5 हजार साल पहले चीन में हुई थी। ऐसा माना जाता है कि चीन के सम्राट शैन नुंग रोज गर्म पानी पिया करते थे।
एक दिन उनके लिए बगीचे में पानी उबाला जा रहा था, तभी एक पेड़ की कुछ पत्तियां उस पानी में गिर गई। पानी का रंग बदल गया और उसमें खूशबू भी आने लगी। राजा ने जब वो पानी पिया तो उसे काफी अच्छा लगा और यहीं से शुरूआत हुई चाय की। धीरे-धीरे राजा के महल से निकलकर पूरे चीन का पसंदीदा पेय पदार्थ बन गया चाय।
क्या आप जानते हैं 5 हजार साल पुराना है चाय का इतिहास! दुनिया भर में करोड़ों लोगों के सुबह की शुरूआत चाय की प्याली से होती है। एक कप चाय हम सभी को एनर्जी से भर देता है खास बात ये थी कि चीन दुनिया भर से आए लोगों की मेहमानवाजी चाय से करता था, लेकिन कभी इसकी रेसिपी किसी को नहीं बताई।
कई सालों के बाद एक बौद्ध गुरु को किसी तरह चाय का रहस्य पता चल गया और उन्होंने जापान में जाकर सबको इसकी रेसिपी बताई। फिर क्या था जापान में भी लोग चाय की चुस्कियों के आदी हो गए। जापान से चाय जा पहुंचा यूरोप के देशों में जहां इंग्लैंड के लोग भी चाय पा मजा लेने गए। भारत में चाय के शुरूआत की कहानी बेहद दिलचस्प है। दरअसल गवर्नर जनरल लॉर्ड बैंटिक ने 1834 में जब भारत आए तो उन्होंने असम में देखा कि वहां के लोग चाय की पत्तियों के साथ उबालकर पानी पीते हैं जिसे वो दवाई की तरह इस्तेमाल करते थे।
बैंटिक ने लोगों को चाय की जानकारी दी और एक समिति का गठन किया, जिसके बाद चाय की परंपरा भारत में शुरू हो गई। इसके बाद 1835 में असम में चाय के बाग लगाए गए। भारत में सन 1953 में टी बोर्ड की स्थापना की गई, जिसने भारत में ही नही अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में भी चाय के उत्पादन को फैलाया। अंग्रेजों की आय का मुख्य स्रोत भी बन गया था चाय।