इंदौर। आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो की टीम ने आय से अधिक संपत्ति और अनियमितताओं के मामले में गुरुवार सुबह नगर निगम में पदस्थ सहायक यंत्री अभय पिता ओमप्रकाश सिंह राठौर के ठिकानों पर छापामार कार्रवाई की। यह कार्रवाई एक साथ चार स्थानों पर चली। इसमें घर से लाखों रुपए नकद, सोने के बिस्किट, जेवर, भूखंडों के दस्तावेज, अनुबंध पत्र और अन्य संपत्तियां मिली हैं। निगम के सहायक यंत्री की मदद करने वाले रिश्तेदारों को भी इस कार्रवाई के बाद ईओडब्ल्यू के अधिकारियों ने आरोपी बनाया है।
डीएसपी आंनद यादव के मुताबिक राठौर के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति और अनियमितताओं की लगातार शिकायतें मिल रही थीं। सर्च वांरट मिलने के बाद गुरुवार सुबह छह बजे के लगभग गुलाब बाग कालोनी,बजरंग नगर और स्कीम नंबर 78 के दो स्थानों पर छापामार कार्रवाई की गई।
ये संपत्तियां मिलीं
- ईओडब्ल्यू के अधिकारियों के मुताबिक गुलाब बाग कालोनी के भूखंड़ क्रमांक 203 ए और 204 पर निर्मित भवन पाया गया।
- भूखंड़ क्रमांक 18 पर तीन मंजिला व्यवसायिक भवन बना हुआ मिला। इसमें होस्टल और दुकानें संचालित की जा रही थीं।
- प्लॉट नंबर 298 और स्कीम नंबर 78 में भूखंड क्र मांक 80 पर निर्माण किया हुआ मिला।
- अभय के बेटे जयसिंह की डोयान डेवलपर्स के नाम से दो व्यावसायिक संपत्तियां चलाना पाई गई।
- स्कीम नंबर 94 में रिंगरोड पर तीन मंजिला वाणिज्यिक भवन जिसकी अनुमानित कीमत करीब एक करोड़ रुपए आंकी गई है।
- पेंट हाउस पर डोयान डेवलपर्स का कार्यालय संचालित होना पाया गया।
- 20 लाख नगदी
- दो लाख से अधिक का सोना
- 16 लाख कीमत की 36 बीमा पालिसी
- दो बैंकों की पास बुक
- चार पहिया लक्झरी वाहन, व दो पहिया वाहन
1995 में मिली थी जिम्मेदारी
अधिकारियों के मुताबिक सहायक यंत्री अभय कुमार राठौर को 1995 से निगम में स्वच्छता अभियान की जिम्मेदारी मिली। इसके बाद राठौर की संपत्ति में लगातार बढोतरी हुई। उसने इंदौर की कई पॉश कॉलोनियों में रिश्तेदारों के नाम से संपत्तियां खरीदी थीं। जांच में पता चला है कि अभय का भाई संतोषसिंह आईडीए में टाईम कीपर के पद पर कार्यरत है। उसके नाम भी कई अंचल संपत्तियां खरीदी गई हैं। इन संपत्तियों की जानकारी ईओडब्लयू ने जुटाई है।
इलेक्ट्रिक फर्म के नाम से लाखों रुपए
ईओडब्ल्यू को कार्रवाई के दौरान पता चला है कि 350 बजरंग नगर में अभय राठौर द्वारा 2011-12 में नितीन इलेक्ट्रिक के नाम से फर्म का पंजीयन कराया गया था। इसमें कारवाई के दौरान वहां कोई बोर्ड लगा होना नहीं पाया गया। टीम को पता चला कि इस फर्म के नाम पर बैंक आॅफ इंडिया के खाते में लाखों रुपए जमा कराए गए हैं।
ये भी बनाए गए आरोपी
ईओडब्ल्यू के अधिकारियों ने अभय की बेनामी संपत्ति के मामले में उसे सहयोग करने वाली बहन मायासिंह,भांजे अमितसिंह,साले प्रदीप और साले की पत्नी पूनमसिंह को भी आरोपी बनाया है। अधिकारियों के मुताबिक चारों की अभय की संपत्ति में हिस्सेदारी मिली है। सहायक यंत्री के घर से कई अचल संपत्तियों के दस्तावेज और निर्माण संबंधी अनुबंध पत्र भी प्राप्त हुए हैं। फिलहाल पूरे मामले में अधिकारी अन्य सदस्यों की संपत्ति की जानकारी भी जुटा रहे हैं।