लॉस एंजिलिस। कैथोलिक चर्च में बाल यौन उत्पीड़न का खुलासा करने वाले पत्रकारों की कहानी बयां करती ‘‘स्पॉटलाइट’’ को 88वें अकादमी पुरस्कारों में सर्वश्रेष्ठ फिल्म का पुरस्कार मिला, जबकि लियोनार्डो डिकैप्रियो ने सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार अपने नाम किया। इस समारोह के मेजबान क्रिस रॉक ने अपनी व्यंग्यात्मक शैली में हॉलीवुड में नस्लवाद पर टिप्पणियां की।
इस वर्ष जॉर्ज मिलर की ‘मैड मैक्स: फ्यूरी रोड’ ने तकनीकी श्रेणियों में छह पुरस्कार जीतकर अपना परचम लहराया। फिल्म को एडिटिंग, प्रोडक्शन डिजाइन, साउंड एडिटिंग, साउंड मिक्सिंग, कॉस्ट्यू और मेकअप एंड हेयरस्टाइल श्रेणियों में छह पुरस्कार मिले। टॉम मैकार्थी के निर्देशन में बनी ‘स्पॉटलाइट’ को सर्वश्रेष्ठ फिल्म का पुरस्कार मिला और इसी फिल्म के लिए जोश सिंगर और मैकार्थी को सर्वश्रेष्ठ मौलिक पटकथा का पुरस्कार मिला।
काफी लंबे समय से ऑस्कर पुरस्कार जीतने का इंतजार कर रहे डिकैप्रियो की ख्वाहिश इस बार पूरी हुई। उन्हें ‘द रेवनैंट ’’ के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। उन्होंने इस अवसर पर जलवायु परिवर्तन का मुद्दा उठाया। 41 वर्षीय डिकैप्रियो ने अपने लंबे भाषण में कहा, पर्यावरण में बदलाव असलियत है। यह अब हो रहा है। हमारी पूरी मानव जाति जिस सबसे बड़े खतरे का सामना कर रही है, वह जलवायु परिवर्तन है और हमें मिलकर काम करने की आवश्यकता है ।