चंडीगढ़। महान हाॅकी खिलाड़ी बलबीर सिंह सीनियर पंजाबी में जल्द ही रिलीज होने वाली जीवनी में कई दिलचस्प तथ्य दिए हैं जिसमें लेखक ने दावा किया है कि 90 साल से अधिक उम्र का यह दिग्गज मशहूर सिख योद्धा बाबा बिधि चंद के वंशज हैं।
सेंटर फारवर्ड के रूप में खेलने वाले 91 वर्षीय बलबीर सीनियर की पंजाबी में जीवनी टोरंटो में रहने वाले प्रिसिंपल सरवन सिंह ने लिखी है। संभावना है कि पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल जल्द ही इसका विमोचन करेंगे। बलबीर सिंह सीनियर की पुत्री सुशबीर भोमिया के अनुसार यह किताब काफी शोध के बाद लिखी गई है।
उन्होंने कहा, सबसे दिलचस्प तथ्य यह सामने आया कि लेखक ने मेरे पिताजी के वंश का पता लगाकर पाया है कि उन्हें मशहूर सिख योद्धा बाबा बिधि चंद जी का वंशज बताया है जो छठे सिख गुरू हरगोबिंद जी की सेवा में थे। बाबा बिधि चंद बेहतर घुड़सवार थे और यहां तक कि बलबीर सीनियर ने भी विभिन्न विषयों पर 37 किताबे लिख चुके अपनी जीवनी के लेखक को बताया कि घुड़सवारी स्वाभाविक ही उन्हें आ गई थी।
उन्होंने कहा, लेखक ने किताब में लिखा है कि जिस तरह से बाबा बिधि चंद जी ने योद्धा के रूप में खुद को साबित किया उसी तरह से बलबीर सीनियर ने हाॅकी के मैदान पर अपनी दमखम दिखाया। बलबीर सीनियर पंजाब पुलिस में रहे और 1982 में पंजाब के खेल विभाग में निदेशक पद से सेवानिवृत हुए। उन्होंने 1948 (लंदन), 1952 (हेलंसिकी) और 1956 (मेलबर्न) ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीते। उनका 1952 में ओलंपिक फाइनल में सर्वाधिक पांच गोल करने का रिकार्ड अब भी बना हुआ है।
लेखक ने लिखा है कि उन्होंने 2013 में यह किताब लिखनी शुरू की जब इस हाॅकी दिग्गज के हमनाम ने बलबीर सीनियर की फोटो के साथ उनसे संपर्क किया और कहा कि यह गलती से जालंधर स्थित उनके गांव दोसांजी में भेज दी गई।
इस बीच सुशबीर ने कहा कि उन्होंने भी बलबीर सीनियर की जीवनी अंग्रेजी में लिखनी शुरू कर दी है और यह अगले साल तक पूरी हो जाएगी। उन्होंने कहा कि हिन्दी में भी उनकी जीवनी आ रही है जिसे दिल्ली स्थित लेखक लिख रहा है।