नई दिल्ली। ब्रिटेन की दूरसंचार कंपनी वोडाफोन ने कहा है, कि भारत में नियामकीय कठिनाइयों के चलते आर्थिक वृद्धि प्रभावित हो रही है। हालांकि, कंपनी ने यह भी कहा कि भारत अब भी वैश्विक कंपनियों के लिए दीर्घावधि दृष्टि से निवेश का अच्छा अवसर प्रदान करता है।
मोबाइल दूरसंचार सेवाएं देने वाली इस कंपनी ने कहा है कि देश में स्पेक्ट्रम नीलामी की ताजा व्यवस्था और टुकड़ों में स्पेक्ट्रम मुहैया करने की नीति से उपभोक्ताओं को गुणवत्ता वाली सेवाएं देने का इरादा रखने वाली सेवा प्रदाता कंपनियों के लिए पूंजी की तंगी हो रही है।
वोडाफोन समूह के चेयरमैन गेरार्ड क्लिस्टरली ने 2015 की वार्षिक रिपोर्ट में कहा, स्पेक्ट्रम नीलामी का ढांचा और नए स्पेक्ट्रम को टुकड़ों में जारी करने से आपरेटरों के पास अच्छी सेवाएं देने पर निवेश के लिए पूंजी कम बचती है। इसके अलावा नियामकीय अड़चनें और अधिक दिक्कत पैदा करती हैं।
वोडाफोन के चेयरमैन ने कहा कि भारत दीर्घावधि के निवेश के लिए अच्छा अवसर प्रदान करता है। हालांकि, मौजूदा नियामकीय अड़चनें आर्थिक वृद्धि के रास्ते की अड़चन हैं। सरकार ने मार्च में संपन्न स्पेक्ट्रम नीलामी में रिकार्ड 1,09,874.91 करोड़ रूपए की राशि जुटाई है। हालांकि, करीब 89 प्रतिशत स्पेक्ट्रूम बेचा गया है, लेकिन वोडाफोन जैसी कंपनियां सीमित मात्रा में पेश स्पेक्ट्रम और उसकी लागत को लेकर असंतुष्ट हैं।
सेल्युलर आपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) राजन मैथ्यूज ने कहा कि स्पेक्ट्रम नीलामी का ऐसा तरीका अपना गया है जिससे सरकार की कमाई बढे।