लंदन। आपके स्मार्टफोन में प्रयुक्त कैमरे से पांच साल से कम उम्र के बच्चों की आंखों में पाए जाने वाले कैंसर के एक प्रकार की पहचान की जा सकती है। ब्रिटेन के विशेषज्ञों ने इस बात की तस्दीक की है। बाल्यावस्था में होने वाले कैंसर पर काम करने वाली संस्था चाइल्डहुड आई कैंसर ट्रस्ट ने कहा है कि स्मार्टफोन के कैमरा के फ्लैश से कैंसर के एक प्रकार रेटिनोब्लास्टोमा के कारण छोटे बच्चों की आंखों में बन रहे ट्यूमर का पता लगाया जा सकता है।
इस प्रकार के कैंसर से बच्चों की आंखों की रौशनी जा सकती है। यहां तक कि उनकी मृत्यु भी हो सकती है। इसके लक्षणों का आसानी से पता नहीं लगाया जा सकता।
हॉफिंगटन पोस्ट की एक रिपोर्ट के अनुसार जब किसी बच्चे की आंख के अंदर किसी ट्यूमर का विकास होता है तो फ्लैश ऑन कर लिये गये फोटो में पुतली का रंग परावर्तित होकर सफेद दिख सकता है। अगर शुरआत में इसका पता लगा लिया गया तो एक बच्चे की जान बचायी जा सकती है। संस्था ने बताया कि स्मार्टफोन तकनीक से पहले ही कैंसर से पीड़ित एक चार माह की बच्ची को बचाया जा चुका है।