मुंबई। किस्सा आज से करीब सौ बरस पहले का है। बात है 1919 की। जब इटली में फिलिपो टोमासो मैरिनेटी ने लाइट बल्ब लगी हुई टाई पहनकर दुनिया को चौंका दिया था। टाई की खूबी ये थी कि जब भी मैरिनेटी कोई खास शब्द बोलते थे तो उनकी टाई जल उठती थी। शायद के पहला मौका था जब किसी ने इनसान के कपड़ों को तकनीक से जोड़कर पेश किया था।
मगर, ये बात 97 साल पुरानी हो गई। आज तकनीकी क्रांति का ही दौर है। तो फैशन की दुनिया भी हाई टेक होती जा रही है। आज बायोमेट्रिक टी-शर्ट बन रही हैं। आज उच्च स्तर की तकनीक को फैशन से, हमारे कपड़ों से जोड़ने की ये कोशिश, हर दिन नए रंग-रूप में सामने आ रही है।
कुछ लोग तो ऐसे कपड़े बनाने में लगे हैं जिनसे हमारा मोबाइल फोन रिचार्ज हो जाए। इससे हम फोन को रखकर रिचार्ज करने की झंझट से छुटकारा पा सकते हैं। बस फोन को जेब में रखा और हो गया रिचार्ज! आज ऐसे कपड़ों का कॉन्सेप्ट तेजी से चलन में आ रहा है, जो सुविधाजनक हों, आपके खास होने का एहसास कराएं।
तकनीक और फैशन के मेल की सबसे बड़ी चुनौती है उसे इनसान के पहनने लायक बनाना। उससे बदन को कोई दिक़्कत न हो। इसके अलावा वो खाली हमारी दिल की धड़कनें गिनने की खूबियां न रखे। उसमें इनसान को राहत देने वाली और भी खासियतें होनी जरूरी हैं। अमरीकी एक्सपर्ट डेविड नॉर्टन कहते हैं कि आगे चलकर पहनने वाली हर चीज दो दर्जों में बांटी जाएगी। एक तो स्मार्ट और दूसरा मूर्ख। डेविड के मुताबिक आज भी जमाने में चलन आम जुराबों, जूतों और कपड़ों का है। मगर स्मार्ट कपड़ों की डिमांड भी बढ़ रही है।