नई दिल्ली। घरेलू इलेक्ट्रिक उपकरण बनाने वाली कंपनी ओरिएंट इलेक्ट्रिक लिमिटेड ने नई ‘आईलव सीरीज़ एलईडी लाइट्स’ की श्रृंखला के साथ अपने एलईडी लाइटिंग पोर्टफोलियो का विस्तार किया है। कंपनी ने सोमवार को यहां जारी बयान में कहा कि इस श्रृंखला में फ्लिकर-कंट्रोल टेक्नॉलॉजी है, जो एलईडी लाइट्स में मौजूद अदृश्य लेकिन नुकसानदायक फ्लिकर को कम करती है क्योंकि 30 फीसदी से अधिक फ्लिकर वाली एलईडी लाइट की रोशनी में लम्बे समय तक रहने से कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं होने लगी है। उसने कहा कि फ्लिकर का मतलब ब्राईटनेस में तेजी से बार-बार होने वाला बदलाव है।
फ्लिकर दो तरह के होते है, विज़िबल और इनविज़िबल। विज़िबल फ्लिकर आसानी से दिख जाता है। चूंकि इसकी आवृत्ति 100 हर्ट्ज़ से कम होती है, इसलिए इस प्रकार के फ्लिकर को कंट्रोल करना एवं इससे बचना आसान है लेकिन अदृश्य फ्लिकर की आवृत्ति 100 हर्ट्ज़ से ज्Þयादा होती है। अदृश्य एलईडी फ्लिकर को स्मार्टफोन के द्वारा ही पहचाना जा सकता है।
इसके लिए सामान्य एलईडी लाइट को स्मार्टफोन कैमरा के स्लो मोशन वीडियो मोड में देखने पर पता चलता है। कंपनी के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी राकेश खन्ना ने कहा कि उनकी कंपनी इनोवेशन पर जोर देती रही है और आईलव सीरीज़ के एलईडी बल्ब, ट्यूब लाइट एवं अन्य एलईडी लुमिनेयर्स लॉन्च किए गये हैं जो स्वास्थ्य पर बहुत बुरा प्रभाव डालने वाली सामान्य एलईडी लाइट के अदृश्य फ्लिकर की समस्या से निजात दिलाते हैं। आईलव सीरीज़ एलईडी लाइट्स को इंडियन मेडिकल एकेडमी (आईएमए) फॉर प्रिवेंटिव हैल्थ की ओर से सर्टिफिकेट ऑफ रिकमेंडेशन दिया गया हैं।