श्रीनगर। फुटबॉल के लिए उनके इस जज्बे का ही नतीजा है कि सीएम महबूबा मुफ्ती ने उन्हें अंडर 14 और अंडर 17 टीम का कोच चुना है। यही नहीं स्पोर्ट्स काउंसिल ने कुदासिया की सफलता को देखकर 200 पत्थरबाजों की पहचान कर उन्हें स्थानीय खेल के मैदानों पर फुटबॉल सिखाने का फैसला किया है।
कश्मीर में पिछले साल सुरक्षाबलों द्वारा आतंकी कमांडर बुरहान वानी की मौत के बाद से ही घाटी में अशांति का माहौल है। आए दिन सुरक्षाबलों के साथ पत्थरबाजी की घटनाएं हो रही है। वहीं 23 साल की कुदसिया अल्लाफ कश्मीर के पत्थरबाजों को फुटबॉल की ट्रेन दे रही है। पिछले साल ही कुदसिया ने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्पोर्टस में फुटबॉल कोच बनने के लिए एडमिशन लिया था।
फुटबॉल के लिए उनके इस जज्बे का ही नतीजा है कि सीएम महबूबा मुफ्ती ने उन्हें अंडर 14 और अंडर 17 टीम का कोच चुना है। यदी नहीं स्पोर्ट्स काउंसिल ने कुदासिया की सफलता को देखकर 200 पत्थरबाजों की पहचान कर उन्हें स्थानीय खेल के मैदानों पर फुटबॉल सिखने का फैसला किया है।
वह 2007 से फुटबॉल खेल रही हैं। हालांकि उन्हें इस बात का मलाल है कि वो सिर्फ जिला स्तर ही खेल रही हैं जबकि हर खिलाड़ी की तरह वह भी भारत के लिए खेलना चाहती हैं। लेकिन अपने इस सपने को अब कुदसिया अपनी फुटबॉल टीम के जरिए पूरा करना चाहती हैं जिन्हें वह कोचिंग दे रही हैं।
वह बताती हैं कि 'मेरा सपना है कि मैं इन लड़कों को अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रमों में भारत का प्रतिनिधित्व करवाऊं। मैं उन्हें बंदूकों, पत्थरबाजी, ड्रग्स और धूम्रपान से दूर रखना चाहती हूं। देश को गर्व कराने के लिए उनके लिए यह एक उज्ज्वल मौका है।'