दीपावली के लिए डिजाइनर दीपक, फाइबर-प्लास्टिक की दीपावली लाइट, अरोमा कैंडल, हैंगिंग व डिजाइनर दीपक हाथोहाथ बिक रहे थे। महिलाएं छठ के लिए सूप और टोकरी खरीदती भी नजर आईं। एक ही छत के नीचे सैकड़ों महिलाएं जिनके चेहरे पर डिजाइनर पीस पर्चेस करने की उमंग साफ नजर आ रही थी। मौका था शहर के सजनप्रभा गार्डन में आयोजित दो दिवसीय दीपावली शॉपिंग मेले का, यह आयोजन उद्यमी महिलाओं को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किया गया। जहां अमूमन सभी स्टॉल वालों ने हर खरीद पर 10 से 50 प्रतिशत तक की छूट दी।
लाख की चूड़ियां रहीं आकर्षण
खूंटी से आई महिला कारीगरों की लाख की चूड़ियां आकर्षण का केंद्र रहीं। ये महिलाएं वहीं ठंडे और गर्म लाख से चूड़ियां गढ़ रही थीं। तांबे पर मीनाकारी कर बनाई खूबसूरत ज्वेलरी भी 30 से 700 रुपए की रेंज में है। महिला कारीगरों का डोकरा आर्ट काफी पसंद किया गया। डोकरा पेंडेंट 60 व कड़े 110 से 150 रुपए की रेंज में हैं। डोकरा के डैंगलर्स की भी काफी मांग थी। टेराकोटा और फाइबर का सजावटी सामान, भगवान के वस्त्र, वंदनवार, झूमर, हैंगिंग दीपक के अलावा 50 रुपए प्रति दीपक के हिसाब से हैंड पेंटेड डिजाइनर दीपक भी हैं।
बुटीक आयटम की हुई खरीदी
त्योहारों के मद्देनजर महिलाओं ने डिजाइनर सूट, साड़ी, कुर्ती स्टॉल्स पर भी जमकर खरीदी की। बंगाल के काथावर्क वाली सिल्क की साड़ियां, मधुबनी पेंटिंग साड़ियां, भागलपुरी तसर सिल्क के स्टॉल पर भीड़ रही। महिलाओं ने काथा स्टिच साड़ी, स्टोल, दुपट्टा और कुर्ती की खरीदी की। झूला, हैंडमेड मैट, आसन, दरी भी 800 से 2400 रु. तक में है। फैशन ज्वेलरी पर 50 और खादी की खरीद पर लोगों ने 25 प्रतिशत तक की छूट का लाभ उठाया।
जरूरतमंदों को मंच देने की कोशिश
अखिल भारतीय श्वेतांबर जैन महिला संघ संस्थापक अध्यक्ष रेखा ने आयोजन को सफल बताते हुए कहा मेले से हुई आय का उपयोग सामाजिक गतिविधियों में किया जाएगा, साथ ही जरूरमंद कारीगरों के उत्पादों को मेले के जरिए बाजार देने की कोशिश की जाएगी। पूरे आयोजन में हेमा बागरेचा, सरोज कोठारी, मंजू घोड़ावत, संगीता पोखरना व अन्य संस्था सदस्यों की सक्रिय भागीदारी रही।