रफी मोहम्मद शेख
इंदौर। भाजपा सरकार की चुनावी घोषणा के बाद सालभर से इंतजार कर रहे प्रदेशभर के करीब 12500 विद्यार्थियों को अब स्मार्ट फोन नहीं मिलेगा। इन्हें कम उपस्थिति के कारण इस योजना से बाहर कर दिया गया है। इसमें इंदौर जिले के 500 से ज्यादा विद्यार्थी भी शामिल हैं। प्रदेश के 400 से ज्यादा सरकारी कॉलेजों में फर्स्ट सेमेस्टर में पढ़ रहे करीब 1.40 लाख विद्यार्थियों को इसके लिए पात्र माना गया है। इंदौर जिले में 8541 विद्यार्थियों को यह मिलेगा। नया शैक्षणिक सत्र शुरू होने के बाद भी यह कब मिलेगा, अभी किसी को पता नहीं है। फर्स्ट ईयर में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को स्मार्ट फोन देने की कवायद छह माह से चल रही है। फर्स्ट सेमेस्टर की उपस्थिति के बाद सेकंड सेमेस्टर में भी विद्यार्थियों की उपस्थिति को उच्च शिक्षा विभाग ने पोर्टल पर डलवाया था। इसके बाद अब अंतिम रूप से यह तय कर लिया गया है कि प्रदेश में कुल 1,40,737 विद्यार्थियों को स्मार्ट फोन मिलेगा।
इसलिए हो गए बाहर
विभाग ने घोषणा के छह माह बाद नियम-कानून तय किए थे, जिसमें प्रमुख रूप से विद्यार्थी की उपस्थिति 75 प्रतिशत होना अनिवार्य किया गया था। पूरे प्रदेश के 50 जिलों में स्थित शासकीय कॉलेजों से कुल 1,53,606 विद्यार्थियों को फर्स्ट ईयर में एडमिशन के बाद स्मार्ट फोन देने की अनुशंसा की गई थी। अब उपस्थिति के नियम के बाद इनमें से 12869 विद्यार्थियों को यह फोन नहीं मिलेगा।
मुख्यमंत्री की घोषणा
प्रदेश के शासकीय कॉलेजों में विद्यार्थियों का आकर्षण बढ़ाने के उद्देश्य से स्मार्ट फोन देने की घोषणा मुख्यमंत्री ने चुनाव के समय की थी। सत्र 2014-15 से आरंभ हुई यह योजना केवल फर्स्ट ईयर में प्रवेश पाने वाले विद्यार्थियों के लिए ही है।
एजेंसी फाइनल, तारीख नहीं
उच्च शिक्षा विभाग ने स्मार्ट फोन देने के लिए आदेश जारी कर दिया है। क्रय समिति और वित्त समिति ने 30 जनवरी को इसके लिए अनुशंसा कर दी है। विभाग ने फोन के लिए एजेंसी के रूप में एमपीईडीसी को फाइनल भी कर लिया है, लेकिन ये कब मिलेंगे, अभी कोई जवाब नहीं दे रहा है। आरंभ में चार हजार रुपए तक के फोन देने की योजना थी, जो अब तीन हजार रुपए तक की हो गई है।
भोपाल से ही मिलेगी जानकारी
फोन कब मिलेंगे, इसकी जानकारी भोपाल से ही मिल पाएगी। अभी तक हमें कोई सूचना नहीं है। संभावना है नए सत्र से पहले जारी हो जाएंगे। इसमें उपस्थिति सबसे महत्वपूर्ण बात थी।
- डॉ. नरेंद्र धाकड़,
अतिरिक्त संचालक, इंदौर