26 Apr 2024, 20:38:14 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android

कृष्णपाल सिंह
 
 
इंदौर। लाइट मेट्रो प्रोजेक्ट को सरकारी फाइलों और दफ्तरों से निकालकर आम लोगों तक पहुंचाने के लिए नगरीय प्रशासन विभाग ने तैयारी कर ली है। 31 मई तक इस प्रोजेक्ट की डीपीआर बनाना है और इसी बीच मप्र मेट्रो रेल कॉरपोरेशन कंपनी का रजिस्ट्रेशन भी कराना होगा। इसके अलावा जून में मास्टर प्लान में मेट्रो के हिसाब से संशोधन भी किया जाएगा। यह सब ध्यान में रखते हुए ही अब जनप्रतिनिधियों, विशेषज्ञों और आम जनता को बुलाया जाएगा और प्रश्नमंच के जरिये सुझाव-आपत्तियों का निराकरण करने के बाद प्रोजेक्ट पास होगा। मेट्रो प्रोजेक्ट को लेकर नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय भोपाल में लगातार बैठक कर मंथन कर रहे हैं। इसमें कई जगह किसानों से जमीन ली जाएगी तो कई जगह लोगों को हटाना पड़ेगा। इसी को लेकर आम जनता, जनप्रतिनिधियों से बात की जाएगी, ताकि बीआरटीएस जैसे हालात पैदा न हों।
 
 
...ताकि परेशानी न खड़ी हो जाए
मेट्रो प्रोजेक्ट से आम जनता को जोड़ने के संबंध में वरिष्ठ अफसरों को जनप्रतिनिधियों ने अवगत कराया है कि मेट्रो भी बीआरटीएस की तर्ज पर परेशानी न खड़ी कर दे। इसके बाद से ही अधिकारी फूंक-फूंककर कदम रख रहे हैं। इसमें डिपो से लेकर जमीन तक तलाशी जा रही है, ताकि भविष्य में कोई दिक्कत न हो। प्रोजेक्ट को फाइलों से जनता तक पहुंचाने के लिए जल्द ही दो दिनों की कार्यशाला रखी जाएगी। इसमें जनप्रतिनिधियों के साथ ही विशेषज्ञ और आम जनता भी मौजूद रहेगी, जो अपने सुझाव और आपत्तियां रखेंगे। इनके निराकरण के बाद ही प्रोजेक्ट पर असल काम शुरू होगा।
 
 
जमीन की जानकारी भेजना शुरू
मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए प्रशासन और आईडीए अपनी जमीन की जानकारी शासन को भेज रहे हैं लेकिन कलेक्टर के बार-बार पूछने के बाद भी निगम ने अभी तक जानकारी नहीं दी। इससे प्रोजेक्ट का काम अटका पड़ा है। इससे जुड़े सवाल पर महापौर मालिनी गौड़ ने कहा उन्हें इसकी जानकारी नहीं है, जल्द ही वे सरकार को जानकारी मुहैया कराएंगी।
 
 
ये है प्रोजेक्ट में खास
प्रोजेक्ट को आकार देने के लिए दो से तीन हजार एकड़ जमीन की जरूरत।
अंडर ग्राउंड रूट से प्रोजेक्ट की लागत में प्रति किमी तीन सौ से चार सौ करोड़ का इजाफा।
मेट्रो का 75 फीसदी हिस्सा एलिवेटेड रूट। 10 फीसदी अंडर ग्राउंड रूट। 15 फीसदी सरफेस (जमीन का रूट)।
प्रति किमी प्रोजेक्ट की लागत करीब 250 से 300 करोड़।
साल 2018 में प्रोजेक्ट का काम 50 फीसदी और साल 2021 तक काम पूरा होगा।
99 किमी में 75 मेट्रो स्टेशन (एक स्टेशन 20 मीटर चौड़ा और 120 मीटर लंबा रहेगा।)
 
 
कब क्या होगा
31 मई तक डीपीआर बने और इसी बीच मप्र मेट्रो रेल कॉरपोरेशन कंपनी का रजिस्ट्रेशन होगा।
जून में मास्टर प्लान में मेट्रो के हिसाब से संशोधन।
सितंबर तक केंद्र, राज्य शासन और रेलवे से सभी तरह की अनुमति लेना।
अक्टूबर 2015 तक टेंडर और कंसल्टेंसी के लिए जनरल कंसल्टेंट नियुक्त करना।
जनवरी 2016 तक टेंडर दस्तावेज बनाकर इसे जारी करना।
 
 
लेंगे जनता से राय
मेट्रो को आम जनता से जोड़ा जाएगा। इसीलिए सरकारी दफ्तर से बाहर निकालकर जनता की राय भी ली जाएगी। इनके सुझावों पर अमल करेंगे।
- संजय दुबे, संभागायुक्त

 
मिलकर करना पड़ेगा मंथन
बीआरटीएस से कारण जनता को परेशान होना पड़ रहा है। मेट्रो से ऐसा न हो, इस बात का विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है। यह हमारा शहर है और इसके विकास पर सभी को मिलकर मंथन करना पड़ेगा।
-मालिनी गौड़, महापौर
 
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

More News »