संतोष शितोले-
इंदौर। कुलीनों की संस्था यशवंत क्लब में बढ़ते भ्रष्टाचार और लीज डीड शर्तों के उल्लंघन को लेकर अब सदस्यों में मैनेजिंग कमेटी के प्रति नाराजगी बढ़ती जा रही है। हाल ही में मैनेजिंग कमेटी क्लब का हॉल ‘उठावना कार्यक्रम’ के लिए 21 हजार रुपए किराए से देना शुरू किया है, जिसका अंदरूनी तौर पर विरोध शुरू हो गया है। मामले में एक वरिष्ठ सदस्य ने कमेटी को एक पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने क्लब की आठ एकड़ जमीन में से एक हिस्से में अत्याधुनिक शवदाह गृह बनाने का प्रस्ताव दिया है। प्रस्ताव में बताया गया है कि इसके बनने से क्लब को आर्थिक लाभ होगा और स्थिति सुदृढ़ होगी। क्लब की एमजीएम 28 जून को है, जिसमें इसके सहित अन्य मुद्दों को लेकर हंगामे के आसार हैं।
आठ करोड़ रुपए का बजट किया पेश, नहीं हुआ पास
धनाड्य वर्ग का यह क्लब इन दिनों आर्थिक तंगी और भ्रष्टाचार के दौर से गुजर रहा है। शासन ने नाममात्र के लीज रेंट पर शहर के मध्य में आठ एकड़ की जमीन स्पोर्ट्स और सांस्कृतिक गतिविधियों के लिए दी थी। वर्तमान में इसकी कीमत करीब 600 करोड़ रुपए है लेकिन अब वहां स्पोर्ट्स के नाम पर न तो क्रिकेट है न बॉलीबाल और न फुटबाल। इनके नाम पर अब तक लाखों रुपए खर्च किए जा चुके हैं। टेनिस और बेडमिंटन में ज्यादातर वे नजर आते हैं, जिनका कॉम्पीटिशन स्पोर्ट्स से दूर-दूर तक कोई रिश्ता नहीं है। दूसरा यह कि इसमें बाहर के ट्रेनर आकर उसकी अलग से फीस लेते हैं। योग के नाम पर हजारों रुपए खर्च कर दिए लेकिन अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर सब योगी गायब रहे।
क्लब में भ्रष्टाचार की पराकाष्ठा 4 दिसंबर 2016 को पिछली साधारण सभा को हुई, जब क्लब के विकास के लिए आठ करोड़ का बजट पेश हुआ लेकिन अन्य मुद्दे उछल जाने से यह बजट पास नहीं हो सका। एक बिल्डर सदस्य ने बजट देखकर कहा था कि इतना तो वह तीन करोड़ रुपए से कम में कर सकता है लेकिन उसे अपनी पूरी बात नहीं कहने दी गई। साधारण सभा के मिनट्स पर एक पूर्व सचिव ने आपत्तियां लीं तो उसे अनुशासन समिति के सामने तलब करने का नोटिस दिया गया। इसके बाद क्लब में व्याप्त भ्रष्टाचार के उजागर हो जाने के डर से उसे कमेटी के सामने पेश होने का समय नहीं दिया। एक सवाल उठाया गया है कि सदस्यों के मासिक शुल्क से जो राशि एकत्र हुई थी, वह गायब कर दी गई।
आमदनी बढ़ाने के ये सुझाव
- जानकारी के मुताबिक करीब तीन माह पहले क्लब द्वारा 21 हजार रुपए में ‘उठावना कार्यक्रम’ के लिए हॉल किराए से देना शुरू किया है, जो कि लीज शर्तों का उल्लंघन है। मामले में एक वरिष्ठ सदस्य ने अध्यक्ष को पत्र लिखकर सुझाव दिया है कि क्लब के स्वामित्व की आठ एकड़ जमीन में से काफी जमीन खाली पड़ी है। इस जमीन पर अत्याधुनिक ‘शवदाह गृह’ बनाया जाए। इससे क्लब की आर्थिक तंगी एकदम खत्म हो जाएगी।
- सदस्य ने कमेटी पर तीखे प्रहार करते हुए लिखा कि इसके तहत प्रत्येक शव के दाह संस्कार के एवज में 10 से 15 हजार रुपए लिए जाएं। संभव हो तो वातानुकूलित रूम बनाकर वहां सीएनजी फायर इन्सिनरेटर स्थापित किया जाए।
- साथ ही वेटिंग हॉल में नाश्ते, कोल्ड ड्रिक्स, किताबें आदि रखी जाएं। वर्तमान में उठावना कार्यक्रम का 21 हजार रुपए किराया लिया जा रहा है, उसे 31 से 51 हजार तक किया जाए।
- क्लब में छह रूम हैं जो खाली रहते हैं। इन्हें 500 रुपए प्रति घंटे के हिसाब से सदस्य परिवार के युवाओं को दिए जाएं। इससे भी क्लब को खासी आमदनी होगी। 28 जून को होने वाली क्लब की साधारण सभा में विचार के लिए उक्त प्रस्ताव भेजे गए हैं।