- अजय सरोज यादव
इंदौर। शहर के कृषि महाविद्यालय के पीछे की जमीन पर जून के अंतिम सप्ताह में मानसून की आमद के बाद एक नए किस्म की ज्वार उगाने की तैयारी की जा रही है। इस पर देश के चुनिंदा शहरों में काम भी चल रहा है। इस ज्वार का नाम है स्वीट सोरगम। जून में इसकी बुवाई शुरू होगी और जुलाई-अगस्त तक फसल पककर तैयार हो जाएगी। यह ज्वार पेट और पर्यावरण दोनों के लिए उपयोगी और फायदेमंद है। इसका ज्यूस भी पी सकते है व हलवा बनाकर खा सकेंगे।
एक हेक्टेयर में बोएंगे
स्वीट सोरगम... जैसा कि नाम से ही प्रतीत होता है यह मीठी ज्वार है। इसकी मिठास गुड़ की तरह होती है। अभी बारिश के सीजन में सामान्य ज्वार की फसल नहीं होती। इस पर देश के कृषि वैज्ञानिक लंबे समय से रिसर्च में लगे हैं। अब शहर के राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि महाविद्यालय की जमीन पर मानसून की आमद के बाद इस मीठी ज्वार की बुवाई शुरू की जाएगी। करीब एक हेक्टेयर भूमि पर इसकी बुवाई होगी और लगभग दो महीने में यह फसल खेत में लहलहाने लगेगी।
गुड़ व शकर भी बना सकते हैं
यह ज्वार बड़े काम की है, मीठी होने से इससे गुड़ व शकर भी बनाई जा सकती है। इतना ही नहीं इसका ज्यूस बनाकर भी पी सकते हैं। इससे निकलने वाले इथेनॉल का पेट्रोल-डीजल में इस्तेमाल करने से आम पेट्रोल-डीजल की तुलना में प्रदूषण भी कम होगा। फिलहाल इस ज्वार की नई किस्म एसएसजी-84 पर कृषि वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों की रिसर्च जारी है।
उम्मीद है अच्छे परिणाम मिलेंगे
बारिश के मौसम में यह फसल पनपेगी और अगस्त तक ज्वार पककर तैयार हो जाएगी। इस फसल पर इंदौर के अलावा हैदराबाद और अकोला में भी अनुसंधान जारी है। पिछले साल हमने प्रयोग किया था, इस बार हम पूरी तैयारी के साथ काम करेंगे और उम्मीद है, बहुत अच्छे परिणाम मिलेंगे।
- संजय शर्मा, कृषि विशेषज्ञ कृषि महाविद्यालय इंदौर