- विनोद शर्मा
इंदौर। कटनी हवाला कांड मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के हाथ लगे दस्तावेज रोज नई कहानी उजागर कर रहे हैं। दस्तावेजों के अनुसार, सतीश सरावगी और महेंद्र गोयनका जिन कंपनियों में डायरेक्टर हैं उनमें मंत्री संजय पाठक भी डायरेक्टर रहे हैं। यह बात अलग है उन्होंने घपले के उजागर होने की भनक लगते ही कंपनियों से किनारा कर लिया। बहरहाल, 145 करोड़ के आसामी पाठक इन दिनों एक ही कंपनी में डायरेक्टर हैं। बताया जा रहा है कि इन कागजी कंपनियों ने रकम इधर-उधर करने के साथ ही बैंकों से भारी भरकम लोन लेने में भी मदद की।
2008-09 से 2015-16 के बीच घपला
फाइनेंशियल इंटेलीजेंस यूनिट (एफआईयू), इनकम टैक्स और ईडी की जांच में पता चला कि फर्जी कंपनियों से हवाला 2008-09 से 2015-16 के बीच हुआ है। मामले में रजनीश तिवारी ने इनकम टैक्स का नोटिस मिलने के बाद कटनी पुलिस के समक्ष शिकायत दर्ज कराई थी। इसी बीच जांच एजेंसियों द्वारा खातों की जुटाई जा रही जानकारी की भनक लगते ही पाठक ने कंपनियों के डायरेक्टर पद से इस्तीफा दे दिया। आंकड़ों के लिहाज से बात करें तो 13 से 21 अगस्त 2015 के बीच नौ दिनों में पाठक ने सात कंपनियों से इस्तीफा दिया। जबकि इससे पहले 1 अपै्रल 2012 को ही स्नोव्हील सप्लायर कंपनी से इस्तीफा दिया था। अभी पाठक सिर्फ एनएम पब्लिकेशन में ही डायरेक्टर हैं।
ईडी ने शुरू की जांच
सतीश सरावगी के घर से जब्त किए गए दस्तावेजों की ईडी ने जांच शुरू कर दी है। जांच में सरावगी बंधुओं और महेंद्र गोयनका के साथ पाठक परिवार के लिंक मिले हैं। ईडी के पास इस बात के भी पुख्ता प्रमाण है कि 19 जनवरी 2017 को प्रिवेंशन आॅफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत ईसीआईआर दर्ज करने के बाद ही निर्मला पाठक और निधि पाठक ने कागजी कंपनियों से किनारे की तैयारी शुरू कर ली। 21 जनवरी को ईडी ने कटनी में छापामार कार्रवाई की। 23 जनवरी को डायरेक्टरशिप से इस्तीफा स्वीकार करते ही कॉरपोरेट अफेयर्स डिपार्टमेंट ने कंपनियों से निर्मला पाठक-निधि पाठक का नाम हटा दिया।
सरावगी इन कंपनियों में भी रहा डायरेक्टर
अभी सतीश सरावगी सिर्फ तीन कंपनियों में डायरेक्टर है। महाकालेश्वर माइंस एंड मेटल्स प्रालि, रेनाइसेंस माइनिंग एंड मिनरल्स प्रालि और नीरनिधि मार्केटिंग प्रालि। इनके अलावा तिरुपति जेम्स प्रालि, नताली माइंस एंड मिनरल्स प्रालि, रेडरोज सप्लाय, शक्तिदाता मार्केटिंग प्रालि, मल्टीमोड डिस्ट्रीब्यूटर्स प्रालि में भी डायरेक्टर रहा है। इन सभी से 2015 और 2016 में इस्तीफा दिया है।
इन पतों पर पंजीबद्ध कंपनियों की मांगी सूची
ईडी और आयकर विभाग ने एमसीए से संजय पाठक के घर (शांति भवन पाठक वार्ड कटनी मप्र) के पते पर पंजीबद्ध एनएम पब्लिकेश प्रालि, डिवाइन मार्ट इंटरनेशन प्रालि, सायना स्टील्स प्रालि, सुख सागर फूड्स प्रालि, आकांक्षा कंसेप्ट ट्रेडिंग एंड मार्केटिंग, यश लॉजिस्टिक की जानकारियां मांगी है। इसके साथ ही 14सी महाऋषि देवेंद्र रोड दूसरी मंजिल कोलकाता, मुंबई, नागपुर, ठाणे और रायपुर के पतों पर पंजीबद्ध कंपनियों की विस्तृत जानकारी मांगी है।