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जांच में खुलासा : एअरक्राफ्ट में थी इंजन आॅइल की गड़बड़ी, औंधे मुंह गिरा था खेत में

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Mar 7 2017 3:53PM | Updated Date: Mar 7 2017 3:53PM
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- अनूप सोनी
इंदौर। एमपी फ्लाइंग क्लब का एअरक्राफ्ट सेशना ए-152 चार साल पहले उड़ान के दौरान  खेत में औंधे मुंह गिर गया था। डीजीसीए ने जांच में खुलासा किया है कि एअरक्राफ्ट में इंजन आॅइल की कमी थी, जिसके कारण दुर्घटना हो गई। 
 
12 जून 2013 को टू सीटर एअरक्राफ्ट ने इंदौर एअरपोर्ट के रनवे से उड़ान भरी थी। इसमें एक ट्रेनी और एक ट्रेनर था। कुछ देर बाद एअरक्राफ्ट के इंजन में खराबी आई। ट्रेनर और ट्रेनी ने खेत में इमरजेंसी लैंडिंग कराने की कोशिश की, लेकिन वे सफल नहीं हो पाए और
एअरक्राफ्ट खेत में गिर गया था।
 
ट्रेनर और ट्रेनी ने कूदकर जान बचाई थी। डायरेक्टोरेट जनरल आॅफ सिविल एविएशन (डीजीसीए) की टीम जांच के लिए मौके पर पहुंची थी। प्रारंभिक जांच में पता चला था कि जब एअरक्राफ्ट ने उड़ान भरी थी तब उसमें सौ लीटर पेट्रोल था। यदि दुर्घटना खेत के बजाए और कहीं होती तो पेट्रोल के कारण एअरक्राफ्ट में आग भी लग सकती थी।
 
आॅइल का होता था टॉपअप 
डीजीसीए ने जब एअरक्राफ्ट से संबंधित रिकॉर्ड की जांच की तो पता चला था कि एअरक्राफ्ट के लिए आॅइल का टॉपअप किया जाता था। टीम को कुल आॅइल बदली का रिकॉर्ड भी नहीं मिला था। इससे साफ होता है कि मेंटेनेंस ठीक तरह से नहीं होता था। यही दुर्घटना का कारण बना है। 
 
तीन साल पहले भी हुई थी दुर्घटना
सन् 2014 में भी क्लब का एक एअरक्राफ्ट सेशना दुर्घटनाग्रस्त हुआ था। इस टू सीटर प्लेन में फ्लाइंग क्लब के अरशद नूर कुरैशी और पवनदीप सिंह थे। प्लेन ने एक सर्कल लेने के बाद रनवे पर दो बार टच एंड गो किया। उसके बाद उसका एअर ट्रैफिक कंट्रोल से संपर्क टूट गया था। कुछ देर बाद वह रनवे के आखिरी छोर से करीब पांच सौ मीटर पहले झाड़ियों में पड़ा मिला था। इसमें दोनों इंस्ट्रक्टर घायल हो गए थे। अस्पताल में इलाज के दौरान कुरैशी की मौत हो गई थी, वहीं पवनदीप गंभीर घायल हुए थे। 
 
डीजीसीए की रिपोर्ट 
जांच में डीजीसीए ने खुलासा किया कि एअरक्राफ्ट के सिलेंडर नंबर 2, 3 और 4 के स्पार्क प्लग्स में भारी मात्रा में कॉर्बन जमा हो गया था। इससे सभी प्लग्स बहुत कम स्पार्क पैदा कर रहे थे। इससे सिलेंडर पर्याप्त चार्ज नहीं हो पा रहा था। इंजन में जब आॅइल की जांच की गई तो पता चला कि उसमें पर्याप्त मात्रा में आॅइल नहीं था। इससे पिस्टन रिंग्स जाम हो रहे थे। डीजीसीए ने यह भी कहा कि सिलेंडर नंबर 3 की ओवर हीटिंग से संभव है कि आॅइल कम हो गया हो। सिलेंडर से एअर भी लिकेज हो रही थी। इन सब कारणों से इंजन का पॉवर लॉस हो गया था। 
 
जानकारी मांगी थी
डीजीसीए ने 15-20 दिन पहले एअरक्राफ्ट से संबंधित जानकारी मांगी थी, जो हमने भेज दी है। अभी दुर्घटना से संबंधित फाइनल रिपोर्ट नहीं आई है। 
- मिलिंद महाजन, डायरेक्टर, एमपी फ्लाइंग क्लब, इंदौर
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