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डायरी में नोट होकर रह गई कलेक्टर की कार्रवाई

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jan 17 2017 10:27AM | Updated Date: Jan 17 2017 10:27AM
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विनोद शर्मा इंदौर। जब अवैध कॉलोनी कटना शुरू ही हुई थी तब हमने कलेक्टर पी.नरहरि को लिखित में शिकायत की थी। इसे उन्होंने पर्सनल डायरी में नोट भी किया था। तब हमने कहा भी था कि साहब कार्रवाई डायरी में ही तो दबकर नहीं रह जाएगी। इस पर उन्होंने कहा था कि प्राथमिकता के आधार पर कार्रवाई करेंगे, इसीलिए डायरी में नोट किया है। फिर भी कॉलोनी कटते और प्लॉट बिकते दो महीने हो चुके हैं। कलेक्टर तो दूर पटवारी तक ने मौके पर जाकर नहीं देखा कि कॉलोनी अनुमति से कट रही है या बिना अनुमति से।

बिजली कहां से लाएंगे? खंभे लगाएंगे न
कॉलोनी में अब तक मुरम की रोड बिछाई गई है। इसके अलावा व्यवस्था के नाम पर कुछ नहीं है। बिजली के सवाल पर सोनकर एंड टीम कहती है कि बिजली के खंभे लगाएंगे। कब? जवाब मिलता है रजिस्ट्री कराओ और मीटर के लिए आवेदन कर दो। जब मीटर बढ़ जाएंगे तो बिजली कंपनी को खंभे लगाना ही पड़ेंगे। कुछ ऐसा ही जवाब मिलता है पीने के पानी की व्यवस्था के नाम पर भी। कहते हैं आसपास खेतों में बोरिंग है ही किसी से समझौता कर लाइन डाल देंगे।

सरकारी अमले को तो जानकारी ही नहीं
बायपास (नायता मुंडला चौराहे) से बिहाड़िया चार किलोमीटर दूर है। 3.5 किलोमीटर पर कॉलोनी कट रही है लेकिन पटवारी से लेकर एसडीएम तक मैदानी अमले में किसी की नजर इस पर नहीं पड़ी। दो महीने में 168 प्लॉट की कॉलोनी में 140 प्लॉट बिकने तक यह कैसे संभव है? इसके दो ही मतलब है- अधिकारी बिहाड़िया जैसे नजदीकी गांव में ही मौके पर नहीं जाते हैं या कॉलोनी तो देख ली लेकिन उसे अनदेखा करने की फीस मिल गई हो।

कॉलोनी विस्तार की तैयारी :
करीब ढाई एकड़ जमीन पर 168 प्लॉटों में से 80 फीसदी प्लॉट बेच चुकी भू-माफिया तिकड़ी अब कॉलोनी के विस्तार की तैयारी में है। इसके लिए जहां पीछे की तरफ सर्वे नं. 230/1 की जमीन खत्म हो रही, वहां सर्वे नं. 231 और 225 की जमीन का अनुबंध कर कॉलोनी काटने की फिराक में हैं। बताया जा रहा है यहां करीब सौ प्लॉट निकलेंगे।

हम तो शिकायत ही कर सकते हैं

यह कहना है विकास सोनकर, कमल सोनकर और सुंदरलाल मालवीय की अवैध कॉलोनी की मुखालफत करने वाले बिहाड़िया पंचायत के पदाधिकारियों का। कॉलोनी कटती रही, आप देखते रहे? सवाल के जवाब में पदाधिकारियों ने दो टूक शब्दों में कहा कि कॉलोनी का काम रुकवाना हमारे हाथ में नहीं है। कलेक्टर को लिखित शिकायत कर सकते थे, सो हमने की। अब वे ही कार्रवाई नहीं करें तो हम किसके पास जाएं? और क्यों? हम ही सब कर लें तो पटवारी, आरआई और एसडीएम जैसा मैदानी अमला क्या करेगा।

जिम्मेदारों का कहना
पंचायत पदाधिकारियों ने शिकायत की होगी, लेकिन मुझे मामले की जानकारी नहीं है। अब मामला संज्ञान में आया है तो आवश्यकता अनुसार कार्रवाई करेंगे। 
- शालिनी श्रीवास्तव, एसडीएम

मुझे मामले की जानकारी नहीं है। मौका व दस्तावेज देखकर ही कुछ कह पाऊंगी।
    - श्रद्धा पंचौली, पटवारी

पंचायत के पंचों ने सामूहिक रूप से कॉलोनी की शिकायत कलेक्टर को की थी। दो महीने हो चुके हैं। कॉलोनी में बिक रहे प्लॉटों को देखकर नहीं लगता कि अब तक कार्रवाई हुई होगी।
 - जगदीश यादव, सरपंच बिहाड़िया

ऐसे लोग बचेंगे नहीं

किन्हीं कारणों से कार्रवाई नहीं कर पाए होंगे। वरना, हमने दबंगता से अवैध निर्माण और कॉलोनियां ध्वस्त की हैं, आगे भी करेंगे। वैसे पंचायत राज अधिनियम में अवैध निर्माण रोकने के अधिकार पंचायत को है। इसीलिए शिकायत करना ही काफी नहीं है। पंचायत चाहती तो कार्रवाई भी कर सकती थी।
- पी.नरहरि, कलेक्टर
 

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