अनूप सोनी इंदौर। मप्र पश्चिमी क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में कई ऐसे अधिकारी हैं, जिनका पद तो कनिष्ठ यंत्री या सहायक यंत्री का है, किंतु उनकी तनख्वाह कार्यपालन यंत्री और अधीक्षण यंत्री के बराबर है। ऐसा इसलिए हो रहा है, क्योंकि कंपनी ने इन अधिकारियों को प्रमोशन नहीं दिया, बस तनख्वाह बढ़ा दी।
कंपनी में इस तरह के कोई एक-दो अधिकारी नहीं, करीब 350 से 400 अधिकारी हैं, जो भर्ती होने के बाद से कनिष्ठ यंत्री या सहायक यंत्री के पद पर ही कार्य कर रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक इसमें करीब 150 ऐसे अधिकारी हैं, जो इलेक्ट्रिकल इंजीनियर है, वहीं 40 ऐसे अधिकारी है, जो सिविल इंजीनियर है। इन 190 अधिकारियों को करीब 25 साल या उससे अधिक समय से कंपनी ने पद का प्रमोशन नहीं दिया है। वहीं बाकी के ऐसे अधिकारी हैं, जिन्हें 15 से 24 साल नौकरी करते हुए हो चुके हंै, उन्हें भी प्रमोशन नहीं मिल पाया है। कंपनी ने समय-समय पर इन अधिकारियों की सैलेरी जरूर बढ़ाई है, जो कि अब उन अधिकारियों के बराबर हो चुकी है, जो वर्तमान में कार्यपालन यंत्री और अधीक्षण यंत्री के पद पर है।
कई अधिकारी होने वाले हैं रिटायर
जिन अधिकारियों को बिना प्रमोशन कंपनी में कार्य करते हुए 25 साल या उससे अधिक समय हो चुका है, उनमें से कई अधिकारी अब रिटायर भी होने वाले हैं। ऐसे में उन अधिकारियों का सेवाकाल (सर्विस) वहीं खत्म हो जाएगा, जहां से उन्होंने शुरू किया था। कंपनी ने इन अधिकारियों की सैलेरी बढ़ाकर सिर्फ घर-परिवार का खर्चा निकालने की जरूर सहूलियत दे दी है।
सहायक यंत्री की कर रहे डायरेक्ट भर्ती
कंपनी ने कुछ दिन पहले सहायक यंत्री के पद पर डायरेक्ट भर्ती की थी, वहीं अब और नई भर्तियां करने की भी तैयारी है, जबकि कंपनी के बड़े अधिकारी यह अच्छी तरह से जानते हैं कि कंपनी में कई ऐसे कनिष्ठ यंत्री है, जिन्हें 20 से 25 साल से पद के संबंध में प्रमोशन नहीं दिया गया है। कंपनी चाहती तो इन्हें ही सहायक यंत्री बना सकती थी।
यूनियन ने कई बार उठाया है मुद्दा
मध्यप्रेदश विद्युत मंडल पत्रोपाधि अभियंता संघ के जीके वैष्णव ने बताया मामले में यूनियन कई बार मांगें कंपनी के सामने रख चुकी है। कंपनी को इस विसंगति को दूर करना चाहिए। यदि कंपनी ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया, तो इंजीनियर्स आंदोलन की राह पर चले जाएंगे।
मिलता है तीन बार प्रमोशन
सूत्रों के मुताबिक सरकार का नियम है कि सरकारी नौकरी वाले कर्मचारी को सर्विस के दौरान तीन बार प्रमोशन मिलना चाहिए। कंपनी में ऐसे तो बाकी सभी नियम लागू किए जाते हैं, किंतु इस मामले में कंपनी में ऐसा नहीं किया जा रहा है। इससे कहीं न कहीं कंपनी का भी नुकसान हो रहा है, क्योंकि कंपनी को छोटे पद पर उच्च पद वाली तनख्वाह देना पड़ रही है।