अनिल धारवा इंदौर। जमीन के जादूगरों ने दस साल पहले बायपास पर कॉलोनी काटी। ऊंचे ख्वाब दिखाकर लोगों को कम दर पर प्लॉट बेचे और वादे के मुताबिक सुविधाएं जुटाना तो दूर सड़क, बाउंड्रीवॉल, गेट, बिजली, पानी सब हजम कर गए। इस तरह रहवासियों से धोखाधड़ी की फेहरिस्त काफी लंबी है। कॉलोनी के नाम (रामजी वाटिका) के अनुरूप ही अब रहवासियों को राम भरोसे छोड़ दिया। रसूखदार कॉलोनाइजर को प्रशासन के अफसर परोक्ष रूप से सहयोग करते आए और अब भी कर रहे हैं।
कुबेर बिल्डर्स एंड डेवलपर्स द्वारा वर्ष 2006 में 5.328 हेक्टेयर क्षेत्र में रामजी वाटिका नाम से कॉलोनी काटी। इसमें कॉलोनाइजर व डेवलपर्स ने सड़क तो बनाई, लेकिन उसमें घोटाला किया। पानी की टंकी बना दी, लेकिन पाइपलाइन व्यवस्थित नहीं है। ड्रेनेज के चेंबर खुले हैं। रहवासी महंगी बिजली खरीदकर घरों को रोशन करने पर मजबूर हैं।
सड़क 12 के बजाय बना दी नौ मीटर
कॉलोनाइजर ने टाउन एंड कंट्री प्लानिंग से जो नक्शा स्वीकृत कराया, उसके हिसाब से निर्माण नहीं किया। नक्शे में सड़क 12 मीटर चौड़ी बताई गई, लेकिन बनी मात्र नौ मीटर चौड़ी। इसमें तीन फीट का घपला कर प्लॉट की संख्या बढ़ा दी गई।
मात्र एक गेट और अधूरी बाउंड्रीवॉल
अफसरों से सांठगांठ के चलते कॉलोनाइजर ने सुरक्षा के लिए बनाई जाने वाली बाउंड्रीवॉल अधूरी छोड़ दी। वहीं कॉलोनी में प्रवेश के लिए महज बायपास की ओर से गेट बनाया, जबकि मिर्जापुर गांव की ओर एप्रोच रोड से लेकर गेट तक के पते नहीं हैं।
सुलझाने के बजाय उफसरों ने उलझाया
जनसुनवाई में आने वाले हर आवेदन की सुनवाई का दावा करने वाले कलेक्टर पी. नरहरि के समक्ष भी पीड़ित रहवासी छह महीने पहले शिकायत कर चुके हैं, लेकिन अधीनस्थ अमले ने मामले को कानूनी दांव-पेंच में ऐसा उलझाया कि परेशानी तो दूर हुई नहीं, उलटे रहवासियों को बार-बार चक्कर लगाना पड़ रहे हैं।
मेंटेनेंस शुल्क के नाम पर भी धोखा
रहवासियों के मुताबिक उन्होंने कॉलोनाइजर द्वारा की गई धोखाधड़ी की शिकायत गत वर्ष जून में तेजाजी नगर थाने में की, लेकिन अभी तक कोई राहत नहीं मिली। उन्होंने बताया कॉलोनाइजर द्वारा मेंटेनेंस शुल्क लिया जा रहा है, जबकि इसके बदले दी जाने वाली रसीद पर न तो किसी अधिकृत व्यक्ति के हस्ताक्षर रहते हैं और न ही सील लगी होती है।
इन सर्वे नंबरों पर काटी कॉलोनी
सर्वे नंबर 27/1/1, 29/3, 29/2, 27/4, 30/2/1, 27/5, 30/2 31, 30/2, 29/1, 33/1 कुल रकबा 5.325 हेक्टेयर पर आवासीय कॉलोनी की अनुमति वर्ष 2006 में ली गई।
नियमानुसार हुए काम
कॉलोनी में सभी काम नियमानुसार ही किए गए हैं। बिजली कनेक्शन जल्द कराए जाएंगे। -टीनू संघवी, डेवलपर्स