कपिल राठौर इंदौर। चंदन नगर थाने के दो सिपाही कथित तौर पर अपनी दबंगई दिखाते हुए अपने ही विभाग के आदेश को ताक में रखने से बाज नहीं आ रहे। पैसा वसूली जैसी गंभीर शिकायतों के आधार पर विभाग ने उन्हें लाइन अटैच किया था, लेकिन दोनों अब भी बेखौफ थाने में ड्यूटी दे रहे हैं। बताया जाता है थाने के अफसरों के लिए वे कमाऊ पूत बने हुए हैं। यही कारण है कि क्षेत्रवासियों द्वारा दो दर्जन शिकायतें किए जाने के बावजूद अब तक उन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।
गंभीर शिकायतें
पुलिस विभाग के रिकॉर्ड मुताबिक सिपाही आरिफ खान (1507) और पंकज सांवरिया (3168) नवंबर 2015 से लाइन अटैच हैं, जबकि ऐसा न होकर वे थाने की ड्यूटी बजा रहे हैं। सितंबर 2015 में भोपाल पीएचक्यू के डीआईजी आरएस कौल ने पश्चिम एसपी कल्याण चक्रवर्ती को दोनों सिपाहियों की पैसा वसूली और अन्य गंभीर शिकायतें मिलने पर एक पत्र के माध्यम से थाने से हटाकर उनकी जांच करने की बात की गई थी। सराफा सीएसपी द्वारा की गई जांच के बाद दोनों को लाइन में ही दर्शाया जा रहा है, जबकि एसपी (पश्चिम) मनीष अग्रवाल के मुताबिक लेन-देन और गंभीर मामलों की शिकायत मिलने पर ऐसे कर्मियों को संबंधित थाने में नहीं रखा जाता।
जनसुनवाई व कोर्ट में भी लगाया आवेदन
क्षेत्रवासी उक्त सिपाहियों के खिलाफ अब तक करीब दो दर्जन शिकायतें कर चुके, लेकिन स्थिति जस की तस है। गरीब नवाज कॉलोनी की रईसा बी ने अपने बेटे पर गलत कार्रवाई को लेकर नवंबर 2016 में ही जनसुनवाई में शिकायत की थी। वहीं मो. जावेद और शाहरुख पर भी रुपए नहीं देने के चलते दोनों सिपाहियों ने छह दिन थाने में बैठाया था। जब परिवार के लोगों ने कोर्ट में आवेदन दिया तो जावेद को राऊ और शाहरुख को चंदन नगर थाने में एक केस में फंसा दिया गया। इसके अलावा एक स्क्रैप व्यापारी को भी रुपए नहीं देने पर चोरी का माल खरीदने को लेकर फंसाने की बात की थी।