मुनीष शर्मा इंदौर। वन विभाग शहर में भी अपनी जमीन नहीं संभाल पा रहा। इसका बड़ा उदाहरण एअरपोर्ट रोड के पास स्थित वन विभाग की काफी जमीन पर नेशनल पब्लिक स्कूल का वर्षों से कब्जा होना है। विभाग के अधिकारियों को इसकी जानकारी है, लेकिन मिलीभगत के चलते वे नोटिस देकर चुप्पी साध लेते हैं। यही कारण है कि दो बार नोटिस देने के बाद भी स्कूल जस का तस है।
रमणा बिजासन क्षेत्र में मध्यभारत के समय से वन विभाग की अलग-अलग क्षेत्रों में जमीन है। इसी जमीन के एक बड़े हिस्से में नेशनल पब्लिक स्कूल का कब्जा है। खास बात यह कि विभाग का मुनारा (चिह्न) जहां रखा है, वहीं स्कूल की बाउंड्री (तार फेंसिंग) शुरू होती है। ध्यान देने वाली बात यह है कि इस मुनारे से यदि जंगल की जमीन नापी जाए, तो स्कूल की बिल्डिंग का भी कुछ हिस्सा इसमें आ सकता है। ऐसा नहीं कि जहां मुनारा रखा है, वहीं स्कूल ने वन विभाग की जमीन पर कब्जा किया है, बल्कि दूसरी तरफ का बड़ा हिस्सा भी विभाग की जमीन पर ही बताया जा रहा है, जिसे खेल मैदान के रूप में उपयोग किया जा रहा है। बात यह भी आती है कि जब वन अधिकारियों को सब जानकारी है, तो फिर कार्रवाई क्यों नहीं करते हैं, जबकि कुछ अधिकारी तो यहां लंबे समय से हैं। आरोप वन विभाग के कई अधिकारी-कर्मचारियों पर हैं, जो वर्षों से इस क्षेत्र में ड्यूटी कर रहे हैं। इसमें क्षेत्रीय एसडीओ आर.एन. सक्सेना भी शामिल हैं।
ऐसे बढ़ता गया स्कूल
बताया जाता है कि करीब 20 साल पहले जब स्कूल की शुरुआत हुई, तब उसने जंगल की जमीन के समीप स्थित अपनी जमीन पर काम शुरू किया। धीरे-धीरे वन विभाग की जमीन पर सामान रखना शुरू किया और बाद में उसे अपनी बनाते चले गए। जब विभाग का कोई कर्मचारी-अधिकारी मौके पर पहुंचता, तो उसकी ऐसी मान-मनुहार की गई कि वह लौटकर नहीं आया। नियम के अनुसार तो डिप्टी रेंजर से लेकर वन संरक्षक तक को इस क्षेत्र का दौरा करना चाहिए था, क्योंकि यहां के क्षेत्रीय विधायक सुदर्शन गुप्ता व पार्षद भगवानसिंह चौहान खुद जंगल की जमीनों पर कब्जे की शिकायत कर चुके हैं।
नोटिस देने के बाद हो गया था मेरा स्थानांतरण
यह जरूर है कि स्कूल की जमीन का कुछ हिस्सा वन भूमि पर बना है और मैंने रेंजर रहते हुए स्कूल को नोटिस जारी किया था। तब नोटिस देने के बाद मेरा स्थानांतरण हो गया था, जिससे आगे की कार्रवाई नहीं हो सकी। अब हम स्कूल की जमीन की पुन: नप्ती कर उसके खिलाफ कार्रवाई करेंगे। इसमें हमारी स्कूल प्रबंधन से कोई मिलीभगत नहीं है। जो भी वन भूमि पर कब्जा करेगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
- आरएन सक्सेना, एसडीओ वनक्षेत्र इंदौर
मेरे पास दस्तावेज है
वन विभाग ने हमें नोटिस जरूर दिया था, किंतु हमारे पास सारे दस्तावेज मौजूद हैं। हमने वन विभाग की जमीन पर कब्जा नहीं किया है। जो जमीन हमें मिली है, उसी पर हमने स्कूल का निर्माण किया है।
- डॉ. रमेश बदलानी, प्रबंधक नेशनल पब्लिक स्कूल