अनूप सोनी इंदौर। नोटबंदी के दौरान शहर के जिन बैंकों के खातों में एक लाख रुपए या उससे ज्यादा की राशि जमा हुई है, मुख्यालय ने उन्हें नोटिस भेजा है। इसमें अधिकारियों और कर्मचारियों से जवाब मांगा है।
पांच सौ और एक हजार रुपए के नोट बंद होने के बाद बैंकों ने 10 नवंबर से नोट बदलने और खाते में जमा करने का काम शुरू किया था। उस दौरान कई अधिकारियों और कर्मचारियों ने कमीशन का खेल करते हुए लोगों के कालेधन को सफेद में बदला था। यही कारण है कि विभिन्न बैंकों के मुख्यालय ने अपने ही कर्मचारियों के बैंक खातों का लेखा-जोखा निकाला है। इसके आधार पर मुख्यालय ने नोटिस देना भी शुरू कर दिए हैं। बताते हैं कि इंदौर के ही 50 से अधिक कर्मचारी-अधिकारियों को ऐसे नोटिस मिल चुके हैं।
आईटी भी कर सकता है पूछताछ
शहर में भी बड़ी संख्या में ऐसे खाते हैं जिनमें एक लाख और उससे अधिक राशि जमा हुई है। यदि कर्मचारी के खाते में ढाई लाख रुपए से ज्यादा जमा हुए हैं तो आयकर विभाग भी उसका जवाब मांग सकता है। ऐसे में कर्मचारियों को कार्रवाई से बचना
मुश्किल हो जाएगा।
गुपचुप दे रहे जवाब
बैंक मुख्यालय जिस कर्मचारी या अधिकारी को नोटिस दे रहा है, उसकी जानकारी संबंधित शाखा प्रभारी और कर्मचारी को ही रहती है। ऐसे में नोटिस का जवाब वे गुपचुप तरीके से मुख्यालय को दे रहे हैं ताकि किसी को पता न चले।
बैंकें कल तक जमा कराए पुराने नोट
बैंकें भी अब पुराने नोट नहीं रख सकेंगी। आरबीआई ने सभी बैंकों को निर्देश दिया है कि वे सोमवार तक 500 और 1000 के पुराने नोट चेस्ट में पहुंचा दें।