मुकेश मुवाल इंदौर। सिमी आतंकियों द्वारा अक्टूबर अंत में भोपाल जेल ब्रेक कर भागने और नवंबर अंत में पुलिस की वर्दी में आए हथियारबंद बदमाशों द्वारा पंजाब की नाभा जेल पर फायरिंग कर छह कैदियों को छुड़ा ले जाने की घटनाओं ने जेलों की सुरक्षा व्यवस्था और प्रहरियों की कार्यकुशलता पर प्रश्न चिह्न लगा दिया है। प्रदेश में ऐसी स्थिति फिर न हो, इसके लिए जेल मुख्यालय ने सभी प्रहरियों को शस्त्र चालन सहित विशेष ट्रेनिंग दिलाए जाने के निर्देश दिए हैं। इसमें नए भर्ती प्रहरियों को शुरुआती दौर में ही ट्रेनिंग दी जाएगी, जबकि पूर्व प्रशिक्षित प्रहरियों को अभ्यास कराया जाएगा।
प्रदेशभर में 11 सेंट्रल जेल, 39 जिला जेल और करीब 72 उप-जेलों सहित 122 जेल हैं। इनमें अफसरों से लेकर प्रहरियों तक करीब 4,500 पुलिसकर्मी हैं। अकेले इंदौर की ही बात करें तो सेंट्रल जेल में कैदियों की वर्तमान संख्या 2200 से ऊपर है, वहीं जिला जेल में यह 1500 के करीब है। इस लिहाज से जेल के पुलिसकर्मियों की संख्या कम है। चूंकि जेल के पुलिसकर्मी शिफ्टों में काम करते हैं, तो यह आंकड़ा और कम हो जाता है। इसके चलते किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए इन पुलिसकर्मियों को बहुत ही ज्यादा कार्यकुशल व प्रशिक्षित होना होगा, ताकि नाभा जैसी घटना होने पर इसका सामना कुशलतापूर्वक किया जा सके।
सेंट्रल जेल अधीक्षक आरसी आर्य से सीधी बात
सवाल : नाभा जेल अटैक जैसे हालातों से निपटने के लिए जेल मुख्यालय से कोई दिशा-निर्देश या आदेश आए हैं?
जवाब : हां, आदेश मिले हैं। इसके लिए तैयारियां शुरू हो गई है। हाल ही में जेल प्रहरियों की जो नई भर्ती हुई है, उन्हें भोपाल, सागर और जबलपुर में शस्त्र चालन की विशेष ट्रेनिंग दी जा रही है।
सवाल : सेंट्रल व जिला जेल में पूर्व प्रशिक्षित प्रहरियों के अभ्यास की क्या योजना है?
जवाब : पूर्व में प्रशिक्षित हो चुके और शस्त्र चालन की ट्रेनिंग ले चुके प्रहरियों के अभ्यास को लेकर जनवरी से चांदमारी कराए जाने के लिए जेल मुख्यालय को पत्र लिखा है। आदेश मिलते ही इनकी ट्रेनिंग 15-20 जवानों के गु्रप में रेवती रेंज में कराई जाएगी।
सवाल : वर्तमान में जेल की सुरक्षा को लेकर क्या प्रबंध हैं?
जवाब : जेल मुख्यालय के आदेश पर प्रदेश की संवेदनशील जिला और सेंट्रल जेलों में एसएएफ का बल तैनात किया गया है। सेंट्रल जेल में भी एक-चार का बल लगाया गया है। वहीं प्रदेश की सभी प्रमुख जेलों के मुख्य द्वार पर रेती की बोरियां रखकर मोर्चा बनाया गया है।