कृष्णपाल सिंह इंदौर। अब समय आ गया है कि हमें बिजली बचाने पर गंभीरता दिखानी होगी। कृषि, नगर निगम की स्ट्रीट लाइट और घरेलू लाइट में बिजली ज्यादा बर्बाद हो रही है। यही कारण है कि प्रदेश में पहली मर्तबा बिजली की मांग 11 हजार मेगावॉट से ऊपर पहुंच गई। फिर भी रबी के सीजन में किसानों को 10 घंटे बिजली उपलब्ध कराई गई।
बुधवार को ऊर्जा संरक्षण दिवस है। उपभोक्ताओं को ऊर्जा संरक्षण के प्रति जागृति लाना है। इसीलिए सरकार ने एलईडी को बढ़ावा दिया है, जिसका ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है। प्रदेश में रोजाना 46 हजार एलईडी लाइट बांटी जा रही हैं, जबकि इंदौर-उज्जैन संभाग में ये आंकड़ा 23 हजार पार कर गया है। एलईडी बल्ब लगाने से 60 से 70 प्रतिशत बिजली की बचत हो रही है और ये जल्दी खराब नहीं होती हैं। अगर एक-एक उपभोक्ता बिजली की बचत करेगा, तो थोड़ी-थोड़ी बचत बिजली की बहुत बड़ी बचत में परिवर्तित हो सकती है।
आदतों में मामूली से सुधार से बिजली बचत
बल्ब, ट्यूबलाइट, सीएफएल की बजाय एलईडी का प्रयोग करें।
आवश्यकता न होने पर लाइट, पंखे, कूलर, एसी, टीवी आदि बंद रखें।
फाइव स्टार रेटिंग वाले अच्छी कंपनी के उपकरण खरीदें।
बोरिंग की मोटर तभी चलाएं, जब घर में या फिर खेतों में पानी की जरूरत है।
बिजली के उपकरणों को काम समाप्त होते ही बंद कर दें।
ये है एलईडी का गणित
उजाला योजना - 30 अप्रैल को शुरू हुई
अब तक दिन - 197
प्रदेश में एलईडी बल्ब - 91 लाख 32 हजार 156
प्रदेश में प्रतिदिन बांटे एलईडी बल्ब - 46 हजार 356
इंदौर-उज्जैन संभाग में एलईडी बल्ब - करीब 40 से 45 लाख
इंदौर-उज्जैन में प्रतिदिन बांटे एलईडी बल्ब - 22842
निगम में करोड़ों की बिजली बर्बाद
नगर निगम में करोड़ों की बिजली हर सालबर्बाद होती है। क्योंकि शहरभर में ज्यादातर स्ट्रीट लाइटें 24 घंटे रोशन रहती हंै। इससे निगम को हर माह डेढ़ से दो करोड़ रुपए सिर्फ बिजली बिल अदा करना पड़ता है, जो सालभर में 24 करोड़ रुपए तक पहुंच जाता है। इन लाइटों को दुरुस्त करने पर किसी का ध्यान नहीं है।
लक्ष्य वृद्धि करने से पूरा नहीं हो सकता
ऊर्जा संरक्षण दिवस मनाने का उद्देश्य उपभोक्ताओं में ऊर्जा संरक्षण के प्रति जागृति लाना है। बिजली उपभोक्ता थोड़ी सी सावधानी बरतें तो बिजली का दुरुपयोग नहीं होगा। उपभोक्ताओं को 24 घंटे बिजली सप्लाय करने का लक्ष्य केवल बिजली सप्लाय में वृद्धि करने से पूर्ण नहीं हो सकता है। बल्कि इसके लिए ऊर्जा संरक्षण एवं उपभोक्ता दक्षता प्रबंधन को भी अपनाना होगा।
- संजय शुक्ल, प्रबंध संचालक, एमपी पॉवर मैनेजमेंट कंपनी