रफी मोहम्मद शेख इंदौर। कर्मचारियों और मालिकों पर लगाम कसने के लिए भारत सरकार ने अब प्रॉविडेंट फंड को माध्यम बनाना शुरू कर दिया है। अधिकांश कर्मचारियों से जुड़े एम्प्लाई प्रॉविडेंट फंड आॅर्गनाइजेशन (ईपीएफओ) ने अब सभी संस्थानों में कार्यरत पीएफ सदस्यों को मिलने वाले संपूर्ण वेतन की जानकारी देना जरूरी कर दिया है। इसके लिए प्रतिमाह जमा किए जाने वाले आॅनलाइन डॉक्यूमेंट में बदलाव किया है। इसके बाद न तो नियोक्ता कम वेतन बताकर टैक्स बचा पाएंगे और न ही कर्मचारी इनकम टैक्स से राहत पा सकेंगे।
पीएफओ ने इस महीने से इलेक्ट्रॉनिक चालान कम रिटर्न (ईसीआर) में बदलाव कर दिया है। अभी तक इसमें नियोक्ता कर्मचारी के काटे जा रहे प्रॉविडेंट फंड के हिसाब से वेतन दर्शाकर भेजता था, लेकिन अब नए फॉर्म में कर्मचारी को दिए जाने वाले पूरे वेतन यानी कुल वेजेस को दर्शाना जरूरी कर दिया गया है।
इसी माह होगा लागू
अब ईसीआर-2 होगा लागू
पुरानी व्यवस्था में नियोक्ता अपने कर्मचारी को दिए जाने वाले मूल वेतन और डीए आदि का ही उल्लेख करता था, लेकिन मोबाइल, एजुकेशन, ट्रेवलिंग आदि भत्तों को इस वेतन में शामिल नहीं करता था। इससे उसका वेतन कम ही दिखता था और बाकी सब भत्तों की गणना न तो पीएफ में होती थी, न अन्य टैक्स में इसका कोई डाक्यूमेंट प्रूफ होता था। अब ऐसा नहीं किया जा सकेगा। नए चालान कम रिटर्न को ईसीआर-2 का नाम दिया गया है और इसी महीने इसे लागू करने की तैयारी है। इसके लिए फॉर्म में नया कॉलम दे दिया गया है।
सरकार की आय बढ़ेगी
सरकार का दोतरफा निशाना
नई व्यवस्था से सरकार दोतरफा निशाना साध रही है। पहला तो नियोक्ता अब अपने कर्मचारी को दिए जा रहे कुल वेतन या रुपए की बचत अपने टैक्स में नहीं दिखा पाएगा। दूसरी ओर कर्मचारी का कुल वेतन पीएफ के पास आते ही यह आधार नंबर से सीधे इनकम टैक्स सहित अन्य टैक्स डिपार्टमेंट के पास पहुंच जाएगा। इससे कर्मचारी भी अब अपनी इनकम को किसी भी रूप में छिपा नहीं पाएगा। इससे दोनों तरफ से सरकार को फायदा होगा और टैक्स की चोरी नहीं होगी, साथ ही आय भी बढ़ेगी।
पूरी जानकारी का फॉर्म
आॅर्गनाइजेशन के रीजनल कमिश्नर अजय मेहरा के अनुसार, यह चालान प्रत्येक नियोक्ता संस्थान को अपने कर्मचारियों की पूरी रिपोर्ट के साथ पीएफ आॅफिस में जमा करना होता है। इस चालान के माध्यम से न केवल पीएफ कटौती की राशि जमा की जाती है, बल्कि कर्मचारी के वेतन, पदनाम आदि की पूरी जानकारी भी दी जाती है। कमिश्नर पीसी गुप्ता के अनुसार, नई प्रक्रिया इसी महीने से लागू होना प्रस्तावित है। इसके लिए नया प्रोफार्मा भी आ गया है। जल्द ही इसकी जानकारी के लिए नियोक्ताओं के बीच भी जागरूकता अभियान चलाया जाएगा।