09 May 2024, 05:19:04 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android

सुधीर शिंदे  इंदौर। निजी और सरकारी मेडिकल कॉलेजों में निर्धारित से 42 सीटें ज्यादा आवंटन करने के मामले में उलझे डीन डॉ. राजकुमार माथुर के साथ ही अन्य कर्मचारियों पर अगले एक दो दिनों में फैसला होगा। सूत्रों के मुताबिक शासन स्तर पर बनी कमेटी की जांच में डॉ. माथुर को इस गंभीर चूक के लिए जिम्मेदार मानते हुए उन्हें हटाने का फैसला किया गया है। बताया जाता है कि डॉ. माथुर के स्थान पर डॉ. शरद थोरा और डॉ. संजय दीक्षित में से किसी एक के नाम पर सहमति हो गई है। इस संबंध में जारी आदेश पर अपर मुख्य सचिव प्रभांशु कमल ने हस्ताक्षर भी कर दिए हैं। संभवत: अगले एक दो दिन में आदेश भी जारी हो जाएंगे। उधर, शासन की छवि को दागदार करने वाली इस चूक को लेकर डॉ. माथुर को सीटों के आवंटन संबंधित दस्तावेज लेकर 30 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट में पेश होने के निर्देश दिए गए हैं।

कर्मचारियों का आदेश भी जल्द
भोपाल में हुई काउंसलिंग की प्रक्रिया पूरी करने के लिए बाबू बनकर गए कर्मचारियों पर भी कार्रवाई का रास्ता साफ हो गया। अभी तक हुई जांच में तीन कर्मचारी आनंद फ्रांसिस (वार्डबॉय), मधु आटले (किचन सर्वेंट) और संदीप आवासे (फार्मासिस्ट) की चूक सामने आई है। इसे देखते हुए तीनों को निलंबित किया जाएगा। हालांकि भोपाल जाने वालों में शामिल अभय सेबिस्ट्रियन, प्रशांत चव्हाण, गिरीराज दवे, लक्ष्मण नागोरी,  मोहम्मद शफी, रोहित यादव, विष्णु नरवले, वंदना घारिया, रोहित अग्रवाल की जांच जारी है। गौरतलब है कि कॉलेज प्रबंधन ने इस गंभीर चूक पर जारी नोटिस के जवाब में कर्मचारियों ने बाबू होने से ही इनकार कर दिया था। इसमें खास बात है कि मधु आटले और वंदना धारिया अभी परिविक्षा अवधि में हैं।

नियुक्ति के फर्जीवाडे में भी कर्इं शामिल

पूर्व डीन डॉ. पुष्पा वर्मा के कार्यकाल में एमजीएम मेडिकल कॉलेज में हुई नर्सिंग, फार्मासिस्ट, तृतीय व चतुर्थ कर्मचारियों की नियुक्ति में भी गंभीर फर्जीवाडे हुए थे। उस दौरान भी इसमें से अधिकांश कर्मचारियों ने स्क्रूटनिंग करने के साथ ही दस्तावेजों की छंटनी की थी। नियुक्तियों को लेकर हुए फर्जीवाडे की जांच में कई कर्मचारियों के नाम भी शामिल थे।

डॉ. भार्गव का
नाम भी चर्चा में
चिकित्सा शिक्षा मंत्री द्वारा एमवायएच के निरीक्षण के दौरान मिली अनियमिताओं के कारण अधीक्षक डॉ. वीएस पाल पर भी गाज गिरना तय माना जा रहा है। बताया जाता है कि अधीक्षक के लिए डॉ. सलील भार्गव का नाम चर्चा में है।

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